बेवजह न उलझो।
बेवजह न उलझो मेरी जान, अभी जिंदगी जीना है..
कल को किसने देखा मेरी जान, बियर विसकी रम पीना है।
करवटे बहुत बदल लिए मेरी जान, अभी जी भर के सोना है।
बेवजह न उलझो मेरी जान, अभी जिंदगी जीना है..
कौन क्या लेके जाएगा? सब यही पड़ा रह जायेगा।
ये खुशियों के दिन है, ख़ुशियों में जियो, गम में क्यो जीना है?
बेवजह न उलझो मेरी जान, अभी जिंदगी जीना है..
उलझन भरा दिन, सुकून भरी रात में कट जाएगी।
थक हार कर अपनी जिंदगी से, एक दिन चला जायेगा।
बेवजह न उलझो मेरी जान, अभी जिंदगी जीना है..
रोने से आँसू ही निकलेंगे, हँसोगे लोग पागल कहेंगे।
ये जिंदगी भी बादल की तरह छट जाएगी, बूंद बन बह जाएगी।
बेवजह न उलझो मेरी जान, अभी जिंदगी जीना है..
कोरोना से तड़पने लगे है लो, इस जहाँ में, ऑक्सीजन पाने का बहाना है।
ना जगह कब्रिस्तान में, ना जगह समशान में, अभी और मौत के मंजर देखना बाकी है।
बेवजह न उलझो मेरी जान, अभी जिंदगी जीना है..
किसको क्या पता है? यहाँ कौन अभी भूखा मरेगा?
आसमान गिरने के बाद, जमी से ज्वाला फटना बाकी
बेवजह न उलझो मेरी जान, अभी जिंदगी जीना है..