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भाग. 1

27 अप्रैल 2022

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लो  आज भी कर्नल ध्यान चंद सुबह-सुबह उठे तो अपनी दांत की प्लेट के बिना बाहर निकल आए । सूट बूट पहनकर, रोज की तरह सिर पर गोलदार हैट पहनकर । अपनी बड़ी घूमावदार मूँछों को बाट देकर जैसे आज भी वे कर्नल ही हों लेकिन आदत है कि कमला के याद दिलाने या फिर उनकी झिड़की खाए बगैर कर्नल की सुबह खूबसूरत नहीं होती। कमला कर्नल के घर की नौकरानी। कर्नल अपने आलीशान घर में अकेले रहते हैं। बहुत समय पहले इनकी पत्नी का देहांत हो गया है। एक बेटा है जिसने इंजीनियरिंग की है। वो अमेरिका में किसी अंगे्रजन से शादी करके बस गया है,। वह साल में एक आध बार अपने बीवी बच्चों के साथ आता रहता है।  कर्नल इस घर में अकेले रहते है और उनकी देखभाल के लिए उनकी नौकरानी कमला। कमला को कर्नल अपनी बहन की तरह मानते हैं और कमला भी बहन की तरह ही उनपर अपना अधिकार जताती है। 

कमला ने नाश्ता तैयार कर डाइनिंग टेबल पर सजाकर रख दिया था। वह जानती थी कि वे टाईम टेबल के पक्के हैं। कर्नल का समय पर नाश्ता करना उससे पहले कमला की डांट खाना, नाश्ता करने के बाद लॉन में बैठकर न्यूज पेपर पढ़ना चाय के साथ, फिर अपनी पत्नी सुधा देवी की डायरियों को उनके कमरे में जाकर सहेजना, उनके पन्नों को उलटना पलटना, उनपर लिखीं कविताओं का टुकड़ों टुकड़ों में पंक्ति दर पंक्ति पढ़ना। उसके बाद अपने  बेटे से मोबाईल फोन पर अमेरिका में बात करना। इन्हीं सब कामों से कर्नल के  दिन की खूबसूरत शुरुआत होती है। एक समय था कि जब कर्नल बेहद सख़्त मिजाज के थे, लेकिन पत्नी सुधा देवी जिनसे वे बेहद प्रेम करते थे, उनकी मृत्यु के बाद वह अंदर से टुट गए थे। 

  कर्नल तैयार होकर जैसे ही कमरे के बाहर निकला, उन्हें देखकर उनकी नौकरानी मुँहबोली बहन कमला देवी की हँसी छूट गई।  कर्नल उसकी  इस तरह बेबाक हँसी से थोड़े झेंप गए, फिर जैसे ही बोलने के लिए मुँह खोला याद आया, ओह.... मेरे दांत, कहते हुए वे वापस अपने कमरे की ओर चले गए। बिस्तर के पास लगी मेज पर रखी अपनी दांत की प्लेट को उठाकर मुँह में लगाते हुए कहते है, ‘कमबख्त ये भी अजब उलझन है, हर बार मेरी बेस्ती करवा देते है। सुधा तुम होती तो जरूर इस बात का ध्यान देती।’ वे एक नजर सुधा देवी की तस्वीर को देखते हुए कहते हैं।
भारती

भारती

बहुत ही बढ़िया कहानी की शुरुआत 👌🏻👌🏻

30 अप्रैल 2022

अतुल अंशुमाली

अतुल अंशुमाली

30 अप्रैल 2022

बहुत शुक्रिया मेम जी

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रचनाएँ
एक बार फिर ज़िंदगी
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एक रिटायर्ड कर्नल है जिसकी पत्नी का देहांत हो चुका है। इसकी एक बेटा है जो अमेरिका में रहता है। वहीं उसने एक अमेरिकन लड़की से शादी कर ली है। कर्नल तनहा रहता है। कमला जो कर्नल के घर में नौकरानी है। कर्नल इसे अपनी बहन मानता है। यही कर्नल का ध्यान रखती है। कर्नल को प्रियादर्शनी से प्रेम हो जाता है। प्रियादर्शनी अपने परिवार से अलग होकर वृद्धाआश्रम में रहती है।प्रियादर्शनी और कर्नल के प्रेम को कर्नल का शायर दोस्त अंजाम तक ले जाता है लेकिन सागर का अपना प्रेम अधूरा रह जाता है क्योंकि कुदरत ने उसे ऐसा बनाया है। सागर कौन है कैसे कर्नल के प्र्म के वह कीमयाब करती है । जीनने के लिये पढे़ यह किताब।
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भाग. 1

27 अप्रैल 2022
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लो आज भी कर्नल ध्यान चंद सुबह-सुबह उठे तो अपनी दांत की प्लेट के बिना बाहर निकल आए । सूट बूट पहनकर, रोज की तरह सिर पर गोलदार हैट पहनकर । अपनी बड़ी घूमावदार मूँछों को बाट देकर जैसे आज भी वे कर्नल ह

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भाग 2

27 अप्रैल 2022
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शाम के पांच बज चुके थे। कर्नल रोज की तरह आज भी टहलने के लिए पार्क को निकल पड़ा था। कर्नल को हमेशा एकांत में रहना पसंद था फिर भी शाम पार्क में इसलिए चला आता था, क्योंकि इस वक्त पार्क के हरे

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भाग. 3

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आज शाम पार्क में कर्नल की आँखें बारहा किसी की राह देख रही थी। कर्नल अपने आप में खोया था, तभी कर्नल का शायर दोस्त अचानक आ पहुँचता है। वह कर्नल को खुशनुमा मुड़ में देखकर हैरान था।

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भाग. 4

27 अप्रैल 2022
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सागर का कर्नल के घर आना, आना क्या अब तो वहीं बेशर्म की तरह पूरा दिन पड़े रहना, कई बार रात भी यहीं गुजारना। अब तो जैसे उसका भी यही घर हो। कमला को यह अखरता था। उस दिन दोनों बड़ी देर से कमरे म

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भाग 5

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उन दोनों ने उस वृद्धाश्रम में अपनी दस्तक दे दी थी। वृद्धाश्रम का मैनेजमेंट आॅफिसर जालिम सिंह कर्नल के शायर दोस्त को पहले से जानता था। कर्नल की तरह आश्रम के मैनेजमेंट आॅफिसर जालिम सिंह ने भी घुमावदार म

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भाग 6

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उस तरफ कमला सब जान चुकी थी। कर्नल के शायर दोस्त सागर ने उसे सब बता दिया है। वहीं, कर्नल की गैर हाजिरी में कमला के साथ इश्क का टांका भी फिट कर लिया है। उसका अपना इश्क भी परवान पर था। ‘इस उम्र मे

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भाग 7

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आखिर कर्नल प्रियादर्शनी को घर ले ही आए। विवाह के अगले दिन, कर्नल प्रियादर्शनी के साथ अपने हनीमून की तैयारी कर रहा था। बेटे-बहू के साथ वह भी प्रियादर्शनी को लेकर अमेरिका जा रहा था। तैयारी हो च

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