वो दिन याद है जानी जब सरहद पर चले जाते हम अपने घर से बहुत दूर होते गर्म मरुस्थल में तो कभी ठंडी बर्फ में रहना होता तूफानी हवा,तेज धूप सहना होता। लंबी यात्रा में माँ के हाथ का बना पराटा और
शीर्षक :- भारतीय सेना ( विजय दिवस)श्रद्धा सुमन अर्पित करके , नमन करें उन शहीदों को । शहादत उनकी रहे अजर अमर , देश के उन रणधीरों को।साहस , त्याग , आत्मविश्वासी