उम्मीद किससे करते हो ओ धरती पे रहने वाले ।
मतलब की है ये दुनियाँ , तूँ भगवन को रिझाले।।
रोम-रोम जपे जा, तू माला प्रभु नाम की।
होंगे पूरे तेरे सपने, तू उससे लगन लगाले।।
भक्तों की नैया को, भगवन ने ही तारी है।
चलो प्रभु के द्वारे, तू अपने भाग जगा ले।।
जल-थल अम्बर में, बसती उसकी ही माया ।
जग से जाने से पहले, तू बिगड़ी को बनाले।।
दीनानाथ सागर
12. 06. 2016
9794194158