दिल का दर्द
दिल का ये दर्द हमने सबको सुना दियाइस मरे से मन को जीवन बना लियारस्ते के काँटें अब तो राहों को बंद करेंकदमों के होंसलों ने गुलिस्ताँ खिला दियातानों की आँच पाकर जीवन झुलस रहामरहम वो फैसले का खुद पर लगा लियाआँखों में जन्म लेते सपने बहार केबह जाए न ये सपने आँसू सुखा लियापत्थर को पूजने से देवता वो बन गया