मेरा नाम भरत दायमा हे और में राजस्थान के डूंगरपुर जिले के एक छोटे से गांव लपनिया का निवासी हु में एक छात्र हु
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संघर्ष भरा जीवन तेरा संघर्षों से घबराना नहीं जब रात हो काली तों समझो होने वाली हे सुहानीजीवन के इस रण में तुझको विश्वास अटल रखना होगा सौ बार गिरो फिर भी उठना लक्ष्यभेद तभी होगा हे अग्नि