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मैं भारत माँ का सामान्य पुत्र हूँ ,भारतीय वैदिक सभ्यता मेरी जीव आत्मा व् संसार में हिँदू कहे जाने बाले आर्य मेरे पूर्वज हैं ॐ “सनातन धर्म जयते यथा “

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शाहीन बाग़ एक ढोंग

1 फरवरी 2020
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इस्लामिक कट्टरपंथियों की पहचान है , शाहीन बाग बामपंथियों की राष्ट्रबाद को ललकार है , शाहीन बाग ना विरोध है , तर्कों का ना विज्ञान है , लफ्ज़ो का आडम्बर है , अंधकार है पाक के नापाक भक्तों का !सीऐऐ संग nrc जोड़ कर प्रपंज था हिंदुत्व के अपमान का सम्मानित भी हम कहाँ थे ?परतन्त्रता के भावाभेष में वर्तमान क

खालिस्तान

23 जनवरी 2020
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यह मानचित्र 2004 तक का एक उदाहरणस्वरूप विवरण देता है कि सिक्ख संप्रदाय किन किन भौगोलिक हिस्सो में स्थानांतरण हुआ | अब वर्तमान में भारत को छोड़ सबसे अधिक सिक्ख अमेरिका , कनाडा फिर यूनाइटेड किंगडम में रहते है | खालिस्तान अर्थ खालशा की भूमि यह परिकल्पना कभी भी गुरु गोविंद साहब , गुरु तेग बहादुर , बंदा ब

गृहयुद्ध

21 जनवरी 2020
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गृहयुद्ध का अर्थ हर देश की अपनी भिन्न भिन्न संरचनाओं के आधार पर होता है जैसे सीरिया में गृहयुद्ध वहाँ के राष्ट्रपति व isisi के विरुद्ध था व अभी भी कार्यगत है कभी अमेरिका में गृहयुद्ध हुआ तो वह आर्थिक मुद्दे पर होगा या हांगकांग में हो रहा गृहयुद्ध चीनी कम्युनिस्ट सरकार के विरुद्ध है |अब बात इंडिया की

हिन्दू धर्म क्यो इस्लामिक आक्रांताओ के उपरांत भी जीवांत रहा ?

17 जनवरी 2020
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स्वामी विवेकानंद जी ने शिकागो धर्म-सम्मेलन में एक अत्यंत मुख्य बात इसी प्रश्न के संधर्भ में कही थी जो आज भी सजीव है | धर्म दो प्रकार से कार्यान्वित है एक स्थूल जो उसके अनुयायिओं द्वारा दृश्य होता है दूसरा जो सूक्ष्म रूप से उस स्थूल को दर्शन करवाकर दर्शित कर दृश्य बनाता है ; अब यहाँ दृश्य क्या है ? आ

स्वामी श्रद्धानंद व शुद्धि आंदोलन एक विशलेषण

15 जनवरी 2020
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कृण्वन्तो विश्वमार्यम्,नमस्कार आपने स्वामी दयानंद जी द्वारा प्रारंभित शुद्धि आंदोलन का जिक्र तो सुना व पढ़ा होगा परन्तु उस आंदोलन में अहम भूमिका स्वामी श्रद्धानंद जी ने आगामी समय मे निभाई |आधुनिक भारत में “शुद्धि” के सर्वप्रथम प्रचारक स्वामी दयानंद थे तो उसे आंदोलन के रूप में स्थापित कर सम्पूर्ण हिन्

बामपंथी

10 जनवरी 2020
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प्रायः यह शब्द सुनकर अधिकतर रूस या चीन या कोरिया की छवि हमारे मन-मस्तिष्कीय रेखाओं पर अंकित होती है वस्तुतः भारत भूमि से इस शब्द का जुड़ाव एक अलग प्रसार-प्रचार को परिभाषित करता है |{ हिंन्दु विरोध } { पंथ निर्पेक्ष छवि } { इस्लामिक ईसाई शक्तियाँ } = राष्ट्रदोही अस्

भारतीय कौन ?

19 नवम्बर 2019
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भारतीय शब्द का आधार भारत है व भारत का आधार हमारी सनातन पुरातन वैदिक सभ्यता व संस्कृति.हिंदू शब्द का प्रचलन यहाँ के मूल निवासियों के लिए प्रोयोगित किया जाता है जो यहाँ हज़ारों वर्षों से अलग अलग अलग पंथो को स्वीकारकर अंगिगत करते चले आ रहे है।अंतर दोनो में कुछ नहीं है बस कोई इतिहास में इस्लामिक आक्रांत

कश्मीर धर्मांधता व सेकूलर इंडिया !

6 सितम्बर 2019
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वर्तमान समय में संसार में कहीं भारत या इंडिया के संबंध में चर्चा होती होगी तो कश्मीर उसका अभिन्न विषय बनकर जनसामान्य के मस्तिष्क की रेखाओं पर उभरता होगा ! आखिर है क्या कश्मीर ? हम इस बात पर तर्क व चर्चा कुछ सामान्य प्रश्नों से करेंगे “कहा जाता है जो प्रश्नों की अभिलाषा व प्रश्नों की गंभीरता को नहीं

हॉकी का जादूगर राष्ट्रप्रेम से राष्ट्रीयखेल तक ! भारत रत्न एक विश्लेषण एक खोज ?

29 अगस्त 2019
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कोई विशिष्ट स्थान अथवा व्यक्ति से संबंध नहीं आप कई प्रकार की लाभान्वित व्यक्तित्व की श्रेणियों से इसे प्रायोजित कर सकते हैं,उदाहरण के लिए कोई राजनीतिक संगठन के श्रीमान जो हर आयोजन को निज-स्वार्थ प्रयोजन में परिवर्तित कर कुछ जड़शब्दों को चेतन भाव के अभाव में प्राकृतिक पुष्पांजलि अर्पित कर जनता समूह क

सत्यनारायण की कथा तो होती है पर चापेकर बंधुओं को क्यों भूल गए ? हरि कुमार को भी याद रखिए स्कन्द पुराण का हिंदी अनुवाद !

18 अगस्त 2019
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आज अगर कोई कहे कि घर में पूजा है, तो ये माना जा सकता है कि “सत्यनारायण कथा” होने वाली है। ऐसा हमेशा से नहीं था। दो सौ साल पहले के दौर में घरों में होने वाली पूजा में सत्यनारायण कथा सुनाया जाना उतना आम नहीं था। हरि विनायक ने कभी 1890 के आस-पास स्कन्द पुराण में मौजूद इस संस्कृत कहानी का जिस रूप में अन

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