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भारतीय ग्रहणी और मितव्ययिता

5 अक्टूबर 2021

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आज के इस महंगाई के दौर में  हर किसी को  घर चलाने में  परेशानी आ सकती है  ।और आती ही होगी।
  जिनकी आमदनी बहुत ज्यादा है, उनको शायद ना आती है ।मगर ऐसे लोग बहुत कम होते हैं।
घर में दोनों जने कमाते हैं ।,
तो भी महंगाई  और खर्च  और दिखावा इतनी ज्यादा हो गया है ,
की घर को व्यवस्थित रूप से बिना मगजमारी के चलाना ,बिना खींचतान के चलाना, बहुत मुश्किल होता जा रहा  है ।और ऐसा  हमेशा से ही चला रहा है।
पहले एक आदमी कमाता था  10 खाते थे । एक फोन होता था सब उपयोग करते थे।
अब सब के अलग-अलग मोबाइल फोन होते हैं ।
अलग-अलग बिल ।
अलग-अलग गाड़ियां।
सभी कुछ अलग आजकल तो लोग  रूम भी शेयर नहीं करते हैं ।
अब दोनों जने कमाते हैं ।बच्चे भी दो ही होते हैं ।घर में कम जने होते हैं ।
मगर फिर भी  घर के  खर्चों में  हमेशा ही  खींचतान रहती है।
इसके लिए घर में खींचतान ना रहे और घर का खर्च भी सुचारूरुप से चलता रहे ।
अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखें, तो अपनी जिंदगी को एकदम सरल और व्यवस्थित बना सकते हैं ।
और शांत बना सकतेहैं।
इसके लिए आपको एक तो आदर्श बजट बनाना पड़ेगा।
आदर्श बजट
खर्च का प्रकार            खर्च प्रतिशत भोजन नाश्ता व अन्य खर्चे      25% 
वस्त्र पेट्रोल                            10%
मेंटेनेंस किराया            .     ... 20%
स्वास्थ्य उपचार           .......     5%
शिक्षा                                    20%
बचत         .  .......              ..10%
घरवालों से सबसे व्यवस्थित हारमोनी रखनी पड़ेगी।
इसके लिए दिन में एक समय तो सबको लंच या डिनर साथ करना होगा ।
और उस समय सबके फोन बंद रखकर टीवी बंद रखकर,साथ में व्यवस्थित परिवार चलाने के लिए खर्चों के बारे मे,और वो  जिंदगी में क्या बदलाव ला सकते हैं। सब के बारे में लंच/ डिनर करने के बाद में व्यवस्थित बात करें। और उसने बच्चों को भी शामिल करें।
उनके भी मत लेंवे कि वे क्या सोचते हैं। इससे उनको भी घर में अपने महत्वपूर्ण स्थान है, का पता लगेगा। और बेभी बढ़-चढ़कर उसमें शामिलहोगे। आपस के रिश्ते मजबूत होंगे।
क्या सोचते हैं उनकी सोच आपको पता लगेगी। 
उसी समय में आप एक मेनू कार्ड भी तैयार कर सकते हैं ।
इसमें सबकी पसंद शामिल हो ।स्पेशल और सरल तरह से बनने वाली चीजें भी शामिल हो ।
सब की पसंद से बनाया हुआ मेनू कार्ड से आपका खाने का कार्यक्रम भी व्यवस्थित हो जाएगा।
महीने में एक बार से ज्यादा होटल बाहर का खाना इंपोर्ट करना नहीं करना चाहिए।
जहां तक हो अच्छा खाना घर बना कर खाने से स्वास्थ्य और  फाइनेंस दोनों सही रहता है ।
बच्चों को और बड़ों को भी एंकरेज कुछ ना कुछ नया बनाने के लिए करें। इससे उनको मजा भी आएगा। और वह बनाना भी सीख जाएंगे।
अभी लॉकडाउन का टाइम तो बहुत ही अच्छा है, ऐसा सिखाने के लिए। और  लॉक डाउन ने तो सबको अच्छा कुक बना ही दिया है।
अब इसको चालू रखे। होटल बाहर का खाना जहां तक हो बहुत कम खाएं एक पिज़्ज़ा मार्केट में बहुत महंगा होता है बहुत कम पैसे में बन जाता है और अच्छा भी बनता है थोड़ी सी मेहनत से और सब को आपस में मिलकर बनाने से पैसे का भी कितना फायदा होगा है।
पैसे  इसी तरह से बचाए जा सकते हैं। 
इसी तरह दही छाछ केक आइसक्रीम मिठाई वगैरह नमकीन थोड़ी मेहनत करे तो घर में बन जाती है। आजकल स्प्राउट्स का फैशन है और भी फायदा भी करते हैं तो स्प्राउट्स भी रात को भिगोकर दिन में छलनी में डाल दे थोड़ा पानी डालकर हवा में रखते हैं तो भी बन जाएंगे और मार्केट से लाने भी नहीं पड़ेंगे पैसा भी बचेगा और अच्छा भी बनेगा ।
इसी तरह बिसलेरी बॉटल की जगह घर में  म्युनिसिपालिटी का पानी उबालकर पीने का चालू करें।
तो पैसे की भी बचत होगी और स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।
रात को उबालकर रखें। और सुबह में बोतल में भर लें। मटकी में भर लें। इससे पेट की बीमारियों से भी निजात मिलती है ।हम लोग पानी हमेशा उबालकर ही पीते हैं तो पेट की कोई समस्या नहीं है।
और पैसे की बचत भी होती उस पैसे को आप दूसरी जगह काम ले सकते हैं।
और घर के खर्च को सुचारू रूप से चलाने के लिए छोटी-छोटी बचत बहुत महत्वपूर्ण है।
उससे ही जिंदगी को आसान बनाया जा सकता है ।
मैंने तो कभी एक क्रीम की बोतल में नहीं खरीदी क्योंकि कॉस्मेटिक्स तो हमारे घर में ही होते हैं। कच्चा दूध, ककड़ी ,पपीता ,एलोवेरा ,मलाई हल्दी, बेसन, इन सब से स्किन भी अच्छी रहती है और महंगे कॉस्मेटिक खरीदने से भी बचा जा सकताहै। स्किन  भी अच्छी रहती है।
एलो वेरा प्लांट तुलसी लेमन ग्रास पुदीना वगैरा घर में कुंडों में लगानेसे मार्केट में नहीं लानी पड़ेगी ।और एलोवेरा  स्किन के लिए बालों के लिए बहुत अच्छा होता है।
तो आसानी से उपलब्ध होगा।
जैन धर्म में अपरिग्रह का बहुत महत्व है अपरिग्रह मतलब हमको जरूरत है ,उतने ही हम कपड़े रखें। उतना ही सामान रखें।
बहुत ज्यादा भरावा ना करें ।
आजकल देखा गया है ,ऑनलाइन शॉपिंग में जहां एक की जरूरत होती है वहां 4 खरीदी जाती है।
अगर एक की जरूरत है और 4 खरीदेंगे तो फाइनेंस तो बिगड़ेगा। उन तीन का पैसा तो बेकार खर्च करना पड़ा ।वे पड़ी ही रहेगी। इसीलिए बजट और लिस्ट बनाकर सामान खरीदें फालतू का सामान ना खरीदें।
या तो उधार बिल्कुल ना ले ।
और अगर लोन लेने की जरूरत पड़े तो ,उतना ही लोन ले जितना आप आसानी से चुका सकें। लोन लेकर सर दर्द मोल ना ले ।
नही तो जिंदगी पूरी कर्ज में ही डूब जाती है। और घर में अशांति का वातावरण रहता है।
बच्चों को पढ़ाई के लिए बहुत अच्छे से समझाएं। और एंकरेज करें ।वह अच्छी पढ़ाई करें तो ,अच्छे नंबर लाकर घर में ही रह करके पढ़ सकें। मजबूरी हो तो ही बाहर जाना पड़े हॉस्टल में रहकर पढ़ना पड़े।
और महंगा खर्चीला पढ़ाई करनी पड़े । 
बच्चों को हमेशा कुछ पैसे इमरजेंसी के लिए देकर रखें ।ताकि उनका मन भी भरा रहे ।
और उनसे घर के फाइनेंस की बात भी करें।
घर की स्थिति भी उनको अवगत कराएं।
इससे वे फालतू की वस्तुएं खरीदने को जिद नहीं करेंगे।
दिखावे के लिए महंगी लग्जरी ब्रांडेड कपड़े बड़ी-बड़ी गाड़ियां ना खरीदें। जितना जरूरत हो ,आपकी जेब मैं जितना पैसा हो। उसी हिसाब से खर्च करें ।
अपनी बुढ़ापे के लिए भी बचा कर रखें ।सारा पैसा उड़ा ना दें। बुढ़ापे में बच्चों पर डिपेंडेंट ना रहना पड़े।
कभी आकस्मिक खर्चे आए तो ,किसी पर डिपेंड है ना रहना पड़े। यह बहुत जरूरी है। इसके लिए एक इमरजेंसी फंड भी बनाना चाहिए।
समय-समय पर अपने बच्चों के साथ अपने मां बाप को भाई बहनों को भी उपहार दें।
उपहार जरूरी नहीं है कि महंगे दिए जाएं बस दिल से और उपयोगी दिया जाए ।इससे आपस के रिश्ते और दिल दोनों अच्छा रहता है।
मैंने देखा है प्राइवेट नौकरियां होती है। उस समय बहुत पैसा मिलता है। शुरुआत में तब तक सर्विस होती है। तब तक लाखों में रुपए मिलते हैं तो जिंदगी भी उसी तरह से चलती है भविष्य की चिंता नहीं करते हैं। अचानक ही कभी नौकरी में प्रॉब्लम आती है, तो इंसान और उसके परिवार जन परेशानी में पड़ जाते हैं। क्योंकि भविष्य के लिए कुछ बचा हुआ नहीं होता है।
तो बहुत मुश्किल आती है इसीलिए जितना पैसा आए ,उसको ऊपर दिए गए बजट के अनुसार अलग-अलग हिस्सों में बैठकर कुछ पैसा हाथ में कैश रखकर  खर्च करें ।
नहीं तो ब्रांडेड और लग्जरी के चक्कर में लास्ट में खाली हो जाते हैं।
और फिर वह लग्जरी सपना रह जाती है ।घर को सुचारू रूप से चलाने के लिए सबका साथ होना बहुत जरूरी है ।इसके लिए सब को साथ में लेकर चलिए ।और घर में शांति रखे। अच्छी तरह से जीवन जीओ ।अगर घर में शांति होती है तो वहां लक्ष्मी सरस्वती का वास होता है ।
थोड़ा पैसा शेयर्स में लगाने की जगह,
फिक्स्ड डिपॉजिट्स, बच्चों के लिए कोई स्कीम, बीमा वगैरा ,मेडिक्लेम इस सब के लिए भी होना चाहिए यह सब भी ध्यान में रख कर के अपना काम सुचारू रूप से करना चाहिए।
मेरा यह लेख लिखने के पीछे किसी को कंजूसी से जीने का राह दिखाने का उद्देश्य नहीं है। बल्कि अच्छी तरह जीने का ,और शांति से जीने का ,और व्यवस्थित रूप से जीने का राह दिखाने की बात है ।यह मेरा जिंदगी का अनुभव है। जिसको मैं आप लोगों के साथ शेयर कर रही हूं। अगर पसंद आए तो उसको अनुकरण करें। 
जिंदगी जियो तो ऐसे जियो की पुरस्कार लगे
ना कि जीवन का भार लगे। धन्यवाद
स्वरचित लेख अक्टूबर 20

Vimla Jain

Vimla Jain

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