समय चक्र निरंतर चलता ही रहता है। उसका निरंतर चलते रहना हमारी जिंदगी का इस संसार का अहम हिस्सा है।
वक्त के दिन और रात
वक्त के कल और आज।
वक्त का हर शय पे राज।
वक्त का हर कोई गुलाम।
समय चक्र को लेकर बहुत कुछ कहा गया है। बहुत सारे दोहे बनाए गए हैं। जो हमारी जिंदगी की सच्चाई है
उसमें से कुछ आपके साथ शेयर करना चाहूंगी।
रहीम के दोहे समय पर
रहिमन असमय के परे, हित अनहित ह्वै जाय । ...
समय दशा कुल देखि कै, सबै करत सनमान । ...
समय लाभ सम लाभ नहिं, समय चूक नहिं चूक। ...
समय पाय फल होत है, समय पाय झरी जात। ...
असमय परे रहीम कहि, माँगि जात तजि लाज। ...
समय पर दोहे
समय नष्ट करता रहे, करे न कोई काम । ...
समय चक्र है घूमता, करता सबका न्याय । ...
दया करें इन्सान बस, समय न करता माफ़ । ...
कभी घमंड न कीजिए, समय बड़ा बलवान । ...
मंजिल उसको प्राप्त जो, करता रहे प्रयास । ...
समय के आगे न चले, कभी किसी का जोर । ...
समय न ठहरा है कभी, बदली कभी न चाल । ...
समय मिलाए धूल में, समय दिलाए ताज .
इसके ऊपर जितना भी लिखा जाए उतना कम है
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