जरूरी नहीं है कि जो 18 से 30, 35 साल के लोग होते हैं वह लोग ही जवान होते हैं।
और उन्हीं का जमाना होता है।
जमाना जिसमें काम करने का उत्साह दिल से जवान, शरीर से स्वस्थ्य,
अपने हर काम के प्रति समर्पित, कुछ कर गुजरने की चाहत और उसकी तरफ मेहनत
उल्लास रखने वाला इंसान का जमाना है।
बहुत बार हम देखते हैं जो अच्छे अच्छे युवान लोग होते हैं यह वह काम नहीं कर सकते।
जो काम उनसे बड़े बुजुर्ग कर जाते हैं। क्योंकि उनमें नया करने की और कुछ कर गुजरने की चाहत होती है।
बहुत सारे उद्योगपति बहुत सारे साइंटिस्ट डॉक्टर इंजीनियर प्रबुद्ध वर्ग जो मिडिल एज में जाकर के देश को और काम को बहुत ही तन्मयता से करते हुए आगे पहुंच जाते हैं ।
अपने आसपास देखेंगे तो इतने उदाहरण भरे पड़े हैं ।
जिन्होंने जवानी के अंदर भले कुछ नहीं करा हो ,मगर उनको उन्होंने बाद में इतना अच्छी तरह से इतने काम करें हैं कि और क्रियात्मक कार्य करें हैं नाम कमाया है।
और जो किसी कारणवश जवानी में पढ़ नहीं पाए उन्होंने भी अपने हुनर को निखारा और प्रसिद्ध हुए।
इसीलिए दिल से जवान और काम करने का जज्बा दोनों ही बहुत जरूरी है जमाना उसी का है।
मैं सोचती हूं शायद अगर प्रतिलिपि पर नहीं आती तो, मुझ में लिखने का जज्बा नहीं आता खाली कॉपी तक रह जाता।
मगर क्योंकि दिल से मुझे ऐसा लगता है कि मुझे यह करना चाहिए।
मैंने सभी ऑनलाइन काम करना सीखा सब करा उस समय मेरी उम्र 50 साल की थी जब मैंने कंप्यूटर सीखा।
मगर दिल में चाहत थी इसीलिए राह मिली।
हमारे देश के तो प्रधानमंत्री जी इसके सबसे बड़े- उदाहरण है जो इतना अच्छी तरह से पूरे देश को संभाल रहे हैं और देश को संसार के फलक पर लाकर खड़ा कर दिया है। इन पर हमको नाज है।
वैचारिक लेख 12 नवंबर 21