होता अगर ऐसा कुछ कब्र क्यों बनाते लोग
घर बार अपना छोड़ कर वो क्यों लेते जोग।
एक दिन एक ढोंगी मिला जो रचाये बैठा ढोंग
कहता मानव से बढ़कर कीमत कुछ ना होत
तुमने तो सीखा होगा जीने का हर ढंग
चाहत, पैसा सब कुछ देगी जाकर उसको जोत।
भूख कितनी इस जमाने की
ज्ञान प्यार जीविका पाने की
मै भी भूखा , किस्मत का मारा
पेट भरा है फिर भी मन खली सारा
इन सब से कंही ज्यादा मै रोजगार का भूखा हु।