0.0(0)
0 फ़ॉलोअर्स
1 किताब
प्रत्येक गांव की ग्राम सभा को ई ग्राम सभा के माध्यम से करवाना जरूरी हो जिसमे ज्यादा से ज्यादा ग्रामीणों की भागीदारी व ग्राम पंचायत के सभी सदस्यों की उपस्थिति जरुरी हो। जिसकी शुरुवात वर्तमान सरकार ने क
आज फ़िक्र-ओ-गम से कोशो दूर हूँ मै , आज आदतन ही कोई सताने आये मुझे बाते ला-जवाब तो और भी होती रहेंगी , वो मेरी ही कोई बात को बताने आये मुझे देखिये तो आदमी अब करेगा क्या, बैठा है वो बस, की, अब
पार्टी के नाम से, चंदा खाते है आराम से, ऐसे लोग है हर गांव मे। सभी वोट बेचते है, हर एससी बीसी की अपने मजे और खूब चाव में। बदल डालो इन लोगो को , बहुत छकाया इन सबने भोले लोगो को, ये थुक कर चाटते है
जन जन तक यह बात पहुचाओ प्रदूषण घटाओ प्रदूषण घटाओ आजादी के बाद आई एक बीमारी वो है प्रदूषण की महामारी प्रदूषण से हुआ मौत का विकास हो गयी जनसंख्या घटने की कुछ आश प्रदूषण से बचना है तो यही ए
होता अगर ऐसा कुछ कब्र क्यों बनाते लोग घर बार अपना छोड़ कर वो क्यों लेते जोग। एक दिन एक ढोंगी मिला जो रचाये बैठा ढोंग कहता मानव से बढ़कर कीमत कुछ ना होत तुमने तो सीखा होगा जीने का हर ढंग चाहत, प
ख्वाहिसे-दिल बस इतनी है मेरी सुनने वालो से , इस ग़ज़ल पर उनका धीरे से इरशाद बहूत है | उनकी उसूले-मोहबत्त पर किताब बहूत है , इजहारे मोहबत्त में निगाहों का हिसाब बहूत है | आज जो भी दूर है तुझसे मुस