बिगड़ते रिश्तों को सुलझाना है कल,
प्यार और समर्थन से भरना है जीवन को प्यार की ओर।
मिलकर बैठें और बातें करें दिल से,
अपने दर्द और खुशियाँ सबसे सजाकर रखें।
मनमुटाव और गुस्सा को छोड़कर,
समझौते की ओर बढ़कर।
ये रिश्ते हैं अनमोल, ये विश्वास का सफर,
साथ चलें हम, खुशियों का पहरा बनाकर।
जीवन के संगी और परिवार के साथ,
बिगड़ते रिश्तों को हम सुधारेंगे, खुशियाँ बाँटेंगे।