एक छोटी सी बच्ची नाम लिली थी। वह एक गांव में रहती थी और उसके पास कोई शिक्षा नहीं थी। वह अनपढ़ थी और केवल कुछ अक्षरों को पहचान सकती थी।
लिली के पास कोई स्कूल नहीं था, इसलिए उसे बाहर का कोई ज्ञान नहीं मिलता था। उसे पढ़ाई-लिखाई का कोई मौका नहीं मिलता था। वह हर रोज़ कुछ नया सीखने की इच्छा रखती थी, लेकिन किसी के पास समय नहीं होता उसे सिखाने का।
लिली के मन में हमेशा से सपना था कि वह पढ़ने-लिखने का ज्ञान प्राप्त करेगी। उसे अपने गांव के लोगों को पढ़ाते हुए देखना चाहती थी। वह अपने माता-पिता से बहुत बार यही कहती थी कि वह एक दिन अपने सपने को पूरा करेगी।
एक दिन, लिली के गांव में एक स्कूल खोला गया। उसके माता-पिता ने उसे स्कूल में भरने के लिए रखा। लिली को यह सुनकर बहुत खुशी हुई।
लिली स्कूल में पहुंची और वहां पढ़ने का मौका मिला। उसने किताबों को हाथ में लिया और पढ़ना सिखा। वह हर दिन स्कूल जाती थी और नए चीज़ें सीखती थी।
लिली के सपने पूरे हो गए। वह अपने गांव के लोगों को पढ़ाती हुई देखी गई। उसके माता-पिता बहुत गर्व महसूस कर रहे थे।
लिली की कहानी हमें यह बताती है कि साक्षरता कितना महत्वपूर्ण है। यह हमें नये सपने सपने का मौका देती है और हमें समाज में सम्मान प्राप्त करने की क्षमता प्रदान करती है। साक्षरता हमें स्वतंत्र, समृद्ध, और समानिता की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेगी।
लिली की कहानी हमें यह भी सिखाती है कि हमें साक्षरता को प्रोत्साहित करना चाहिए। हमें अपने आस-पास के लोगों की साक्षरता को सुनिश्चित करने, स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षा के लिए सुविधाएं बढ़ाने, और साक्षरता से वंचित लोगों की मदद करने के प्रति अपनी सक्रियता बढ़ानी चाहिए।
इस अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर, हमें साक्षरता के महत्व को समझने, शिक्षा को महत्वपूर्ण मानने, और साक्षरता की प्रोत्साहना करने के लिए एक संकल्प लेना चाहिए। साक्षरता हमें स्वतंत्र, समृद्ध, और समानिता की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेगी।