छठ पूजा, भारतीय सांस्कृतिक धारा में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो विशेषकर बिहार, झारखंड, और पश्चिम बंगाल में मनाया जाता है। यह पूजा सूर्य देवता (सूर्य भगवान) की पूजा के लिए विशेष है और छठी माँ के पूजन का उत्साही माहौल बनाता है।
छठ पूजा का आयोजन शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को किया जाता है जो अक्टूबर और नवम्बर के बीच होती है। इसे विशेषकर गंगा नदी के किनारे और झीलों के किनारे मनाया जाता है।
छठ पूजा में व्रती व्यक्ति पहले दिन से अंतिम दिन तक विशेष आहार और विधियों का पालन करते हैं। वे सूर्योपासना, आर्घ्य, और प्रार्थनाएँ करते हैं जो सूर्य देवता की कृपा को प्राप्त करने के लिए हैं।
छठ पूजा का उद्देश्य सूर्य देवता की पूजा करके सभी को उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का है। यह पूजा सूर्योपासना के माध्यम से रोगों का निवारण भी करती है और जनता को स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है।
इस पूजा के दौरान गाय के दूध से बने नैवेद्य, खाद्य, और फल उपहारों का उपयोग किया जाता है, जो पूरे उत्सव को आनंदमय बनाता है। छठी माँ का विशेष पूजन भी किया जाता है जो विशेष रूप से मातृत्व की प्रतीक है।
छठ पूजा एक सामाजिक सांस्कृतिक त्योहार है जो सामूहिक एकता, आदर्श परंपरा, और धार्मिक आस्था को बढ़ावा देता है। यह सूर्य देवता की पूजा के माध्यम से नए उत्साही और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत बनाता है और लोगों को सहजता से एक-दूसरे के साथ मिलकर इसे मनाने का आनंद लेने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करता है।