महात्मा गांधी, जिन्हें "राष्ट्रपिता" कहा जाता है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता थे। उनका यथार्थवादी और अहिंसात्मक दृष्टिकोण सत्याग्रह के माध्यम से देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए प्रसिद्ध हुआ। गांधी जी ने चक्रवात, खुदाई, और विशेषकर नमक सत्याग्रह के माध्यम से लोगों को जागरूक किया और उन्होंने विभाजन के खिलाफ सक्रिय रूप से उत्तरदातृता निभाई।
विरोधी पक्ष से, नाथुराम गोडसे एक हिंदू राष्ट्रवादी थे जो गांधी जी के अहिंसात्मक प्रस्तावों के खिलाफ थे। गोडसे ने माना कि गांधी जी ने हिन्दुओं का हित नहीं किया और उनके समर्थन में खड़ा होना अव्वल था। इस असहमति के परिणामस्वरूप, उन्होंने 30 जनवरी 1948 को गांधी जी की हत्या कर दी।
इस विवाद के पीछे राजनीतिक, सामाजिक, और धार्मिक कारण थे और यह देश के इतिहास में एक अध्ययनीय घटना बनी। इन दोनों व्यक्तित्वों की विचारधारा और उनके प्रति लोगों की भावनाएं भारतीय समाज में आज भी चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं।