जय श्री कृष्ण,,::::::::---||||••••|||||~__आर.के .श्री.मानवेंद्र जी मेरा आपको कोटि कोटि प्रणाम,,आप महान विचारक हैं,आपके। विचारों को में रोज पढ़ता हूँ,और अपने जीवन मे उतरता हूँ,लेकिन आपके एक विचार से मुझे तकरार हैं,क्योंकि मेरा भी व्यापार हैं,आज का मेरा यह लेख आप तक पहुँच
क्या लोकतंत्र अलोकतन्त्र हो गया है सैकड़ों पंजीकृत राजनैतिक दल, जितने दल उतने विचारधारा क्या आज़ादी के बाद बांटो और राज करो के तहत इस सोच को देश की राजनीती में जगह दी गई थी या व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए पक्ष और विपक्ष की भूमिका लोकतंत्र में असरदार रहें इसकी वकालत थी? क्यों लोकतंत्र के नाम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूं तो कई देशों की हाई-प्रोफाइल यात्राएं कर चुके हैं, लेकिन हमारे महत्वपूर्ण पड़ोसी बांग्लादेश की यात्रा कई मायनों में ख़ास है. बांग्लादेश का भारतीय इतिहास में बेहद खास स्थान रहा है. इतिहास के आईने में देखा जाय तो आज़ादी के समय देश का विभाजन, फिर चीन से जंग हारना हमारे राष्
कंप्यूटर इंजीनियरिंग, एमसीए, बीसीए के ग्रेजुएट जब कॉलेज से निकलते हैं तो बिचारों को कई कठिनाइयों से जूझना पड़ता है. आईआईटी, एनआईटी और कुछ बड़े कॉर्पोरेट इंजीनियरिंग संस्थानों को यदि छोड़ दिया जाय तो दुसरे इंजीनियरिंग कॉलेज से बड़ी संख्या में निकले ग्रेजुएट्स यहाँ, वहां इंटरव्यू देते हुए निराशा की ओर बढ़न