"दाल रोटी खाओ प्रभु के गुण गाओ "बहुत बहुत वर्षों से ये वाक्य दोहरा कर सो जाने वाले भारतीयों का ये कहना अब नयी और मध्य वय की पीढ़ी को रास नहीं आ रहा है।दाल की वैसे डाल नहीं होती लेकिन ना जाने क्यों फीकी और भाग्य से प्राप्त चीजों की तुलना
जय श्री कृष्ण,,::::::::---||||••••|||||~__आर.के .श्री.मानवेंद्र जी मेरा आपको कोटि कोटि प्रणाम,,आप महान विचारक हैं,आपके। विचारों को में रोज पढ़ता हूँ,और अपने जीवन मे उतरता हूँ,लेकिन आपके एक विचार से मुझे तकरार हैं,क्योंकि मेरा भी व्यापार हैं,आज का मेरा यह लेख आप तक पहुँच