जब दर्द कही से जगता है और याद किसी की आती है.
किन्ही काली सी रातो में , सिमटी सिमटी सी बाँहो में ,।
ab इससे आगे की बातो में फिर याद किसी की आती है,
12 अक्टूबर 2015
जब दर्द कही से जगता है और याद किसी की आती है.
किन्ही काली सी रातो में , सिमटी सिमटी सी बाँहो में ,।
ab इससे आगे की बातो में फिर याद किसी की आती है,