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धर्मपुरा कहानी प्रथम क़िश्त।

Sanjay Dani

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( **धर्मपुरा** (कहानी प्रथम क़िश्त ) दुर्ग ज़िले के धमधा तहसील में एक छोटा सा गांव है धर्मपुरा । इस गांव का नाम धर्मपुरा कैसे पड़ा इसके पीछे एक कहानी है । उस गांव के कई बुजुर्ग बताते हैं कि आज से सौ वर्ष पूर्व यहां के अधिकान्श खेतों व मेढों में बहुत सारे नाग नागिन के जोड़े रहते थे । इन बहुत सारे नाग के जोड़ों में से एक जोड़े का नाग पत्थरों से कुचल कर मारा गया । और उस जोड़े की नागिन पूरी तरह से अकेली पड़ गई । उस नागिन का नाम था धर्मिन । उस नागिन को अपने नाग की मृत्यु के बाद ज़िन्दगी पूरी तरह से बेमानी लगने लगी थी । वह अधिकान्श समय उदास रहती थी । और बेवजह भी समय गुज़ारने हेतु इधर उधर घूमती रहती थी । उसकी उदासी देख कर वहां के दूसरे जोड़े उस पर बहुत तरस खाते थे । लेकिन उसे ढाढस बंधाने के अलावा वे और कुछ विशेष कर नहीं पाते थे । एक दिन धर्मिन मिट्टी के एक टीले के नीचे आराम कर रही थी तभी एक मादा बाज़ फ़ड़फ़ड़ाते हुए व कराहते हुए ठीक उसके सामने आकर गिरी और बहुत ज्यादा तडफ़ने लगी । उसकी तडफ़ और दर्द देखकर धर्मिन द्रवित हो गई । उसने अपने मन में ठान लिया कि किसी भी तरह से इस मादा बाज़ को मैं मदद पहुंचाऊंगी । उसने सबसे पहले उस मादा बाज़ के सिर पे हाथ फेरकर उसे भरोसा दिलाने का कां किया । 

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पुस्तक के भाग

1

धर्मपुरा (कहानी प्रथम क़िश्त)

5 मार्च 2022
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( **धर्मपुरा** (कहानी प्रथम क़िश्त ) दुर्ग ज़िले के धमधा तहसील में एक छोटा सा गांव है धर्मपुरा । इस गांव का नाम धर्मपुरा कैसे पड़ा इसके पीछे एक कहानी है ।

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धर्मपुरा ( कहानी दूसरी क़िश्त )

6 मार्च 2022
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( धर्मपुरा ) दूसरी क़िश्त।( अब तक -- पूर्वी बेहोश थी इसलिये धार्मिन रात भर फनउठाकर उन तीन अंडों की रक्षा करने लगी जिसे पूर्वी ने जन्म दिया था) सुबह जब पूर्वी की नींद खुली

3

धर्मपुरा ( कहानी अंतिम क़िश्त )

7 मार्च 2022
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( धर्मपुरा ) ( कहानी अंतिम क़िश्त)( अब तक --धार्मिन ही बाजिन के बच्चों का देखभाल करती कुछ दिनों बाद तीनों बच्चे आकाश में उड़ने सक्षम हो गए)अगले दस दिनों में तीनों बच्चे सक

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