ढूंढ रही हूं हर जगह मैं तुम्हें,
क्यों नहीं चले आते हो।
है मुझसे इतना प्यार,
या कहने से क्यों डर जाते हो।
ढूंढ रही हूं हर जगह मैं तुम्हें ,
क्यों नहीं चले आते हो।
हो हाथ की लकीरें मेरी तुम,
फिर किस बात की अफसोस है तुम्हें।
ढूंढ रही हूं हर जगह मैं तुम्हें,
क्यों नहीं चले आते हो।
तुम बिन मैं अधूरी हूं,
यह क्यों नहीं समझ पाते हो।
ढूंढ रही हूं हर जगह मैं तुम्हें,
क्यों नहीं चले आते हो।
अब छोड़ भी दो सताना ,
बहुत थक सी गई हूं मैं।
ढूंढ रही हूं हर जगह मैं तुम्हें,
क्यों नहीं चले आते हो।