थामा है जो मेरा हाथ
क्या उम्र भर रिश्ता निभा पाओगे
अगर मैं रूठ जाऊं तो
तुम मुझे मना पाओगे
मेरी जरूरतों को बिन कहे
समझ जाओगे
मेरे हर एक ख्वाब को
अपनी मंजिल बना पाओगे
मेरे आंखों से आंसू चुराकर
उसमें सपने सजा पाओगे
मेरे अनामिका उंगली में
अपने नाम की अंगूठी सजा पाओगे
लोगों की बुरी नजर से
मुझे बचा पाओगे
अपने दिल में बस मुझे
उम्र भर रख पाओगे
हाथ पकड़ कर मेरे साथ
सात फेरे ले पाओगे
मुझे पूरे समाज के सामने अपनाकर
अपने आंगन में ले जाओगे
मेरे गुस्सा होने पर
मुझे मना पाओगे
मेरे बीमार होने पर
अपने सारे काम छोड़
मेरा हाथ पकड़ मेरे पास घंटों बैठ पाओगे
मेरे पसंद की व्यंजन बनाकर
मुझे अपने हाथों से खिला पाओगे
थामा है जो मेरा हाथ
क्या तुम मुझसे इतना प्यार कर पाओगे