दोहा =प्रथम नमन है मंच को , दूजा मंच प्रधान l
अग्र नमन कवि गण सखे , छन्दस ज्ञान विधान l
पावन प्रेम सनेह में,आनन्दित हरि गेह।
चंदन वन सुरभित हुआ,पाया साधु सनेह।
भूषण सरिता भुवन तिथि ,कला पुराण बखान l
कबिरा तुलसी जायसी , भक्ति प्रबल रसखान ll
नभ शशि नयना काल युग , कन्या ऋतु स्वर ताल l
सिद्धि भक्ति दिगपाल शिव , मानस प्रेम मराल ll
काम क्रोध औ वासना, ताजिये मित्र सुजान।
खुशियाँ चौखट पर खड़ी, खोज रही इंसान।
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