दयाशंकर मिश्र
पत्रकार, किताब 'राहुल गांधी:सांप्रदायिकता,दुष्प्रचार,तानाशाही से ऐतिहासिक संघर्ष'। आज़ाद भारत में किताब के लिए इस्तीफ़ा देने वाले पत्रकार। गांधीवादी, नेहरूवादी। साढ़े चार साल से भी ज्यादा समय तक 'नेटवर्क18' के साथ बने रहे वरिष्ठ पत्रकार दयाशंकर मिश्र इससे पहले जी समूह के डिजिटल विंग के एडिटर (लैंग्वेजेस) थे। जी समूह के साथ उनका करीब दो साल का सफर रहा। वे वहां जी न्यूज के हिंदी डिजिटल संस्करण के साथ-साथ अन्य भारतीय भाषाओं के विस्तार में भी अहम भूमिका निभा रहे थे। दयाशंकर मिश्र की छवि एक डिजिटल जर्नलिस्ट की है, जो इंडस्ट्री में अलग-अलग ब्रैन्ड की लॉन्चिंग और रिलॉन्चिंग में अहम भूमिकाएं निभा चुके हैं। दयाशंकर एनडीटीवी से जुड़ने से पहले नेटवर्क18 ग्रुप की हाइपर लोकल हिंदी वेबसाइट News 18 के रीलॉन्च, विस्तार में अहम भूमिका निभा चुके हैं। वे Network 18 से जुड़ने से पहले दैनिक भास्कर, अमर उजाला, राजस्थान पत्रिका और दैनिक भास्कर.कॉम (Dainik Bhaskar.com) में भी शीर्ष भूमिकाओं का निर्वहन कर चुके हैं। Dainik Bhaskar.com के साथ उन्होंने 2012 में पहली बार प्रिंट मीडिया के साथ डिजिटल मीडिया के इंटीग्रेशन के आधार पर हाइपरलोकल मॉडल के माध्यम से खबरों के रियलटाइम कवरेज में ‘नेशनल हाइपरलोकल हेड’ की महत्वमपूर्ण भूमिका अदा की थी। उन्होंने ‘दिव्य भास्कर डॉट काम’ की लॉन्चिंग और अहमदाबाद, राजकोट, सूरत और वड़ोदरा में हाइपरलोकल मॉडल पर खबरों की रियलटाइम कवरेज की शुरुआत करवाई। पत्रकारिता में अपने करीब ढाई दशकों के अनुभव के साथ वह मध्यप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और जम्मूर-कश्मीर में काम कर चुके हैं। उनकी रुचि अध्ययन, यात्रा और संवाद में है। साथ ही मिश्र को सामाजिक, विकास पत्रकारिता के प्रति उनके योगदान के लिए जाना जाता है। दयाशंकर मिश्र को 2008 में मैला ढोने वाले समाजों पर उनके शोध, अध्ययन
राहुल गांधी : सांप्रदायिकता, दुष्प्रचार, तानाशाही से ऐतिहासिक संघर्ष
यह किताब भारतीय लोकतंत्र को घृणा, सांप्रदायिकता और तानाशाही से बचाने के राहुल गांधी के प्रयासों का दस्तावेज़ है। भारतीय राजनीति के पुनर्जागरण में जुटे राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' ने सांप्रदायिकता को सीधी चुनौती दी। नफ़रती तूफ़ान को राहुल गांधी
राहुल गांधी : सांप्रदायिकता, दुष्प्रचार, तानाशाही से ऐतिहासिक संघर्ष
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