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इंकार और इजहार

21 अक्टूबर 2021

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मैंने कहा इंकार किया कि इजहार नहीं है..
फकत....साथ तूने छोड़ा तो,बदल हम भी गए। 

Ayushi Pandey की अन्य किताबें

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रचनाएँ
कुछ लफ्ज..इस दिल के❇️❇️
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जैसा कि इस बुक के शीर्षक से आपको पता लग हि गया होगा कि ये कैसा होगा लेकिन फिर भी मैं बता दूँ कि इस किताब मे बस कुछ छोटी कविताये हि है,...जिनमें लिखें है दिल के कुछ अनकहे अल्फाज जो ना कभी किसी से कहा गया ना हि किसी ने इस दिल कि ख़ामोशी सुनने कि कोशिश कि🥀
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अजनबी.....❇️

23 सितम्बर 2021
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<div>बहुत सोच कर सोचा,किनारा कर लिया जाए।🥀</div><div><br></div><div>अब फकत तेरी यारों पर गुजारा कर

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जुदाई..🥺

23 सितम्बर 2021
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<div>ये मैंने कब कहा कि,मेरे हक़ मे फैसला करें ।</div><div><br></div><div>अगर वो खुश नहीं हमसे तो जुद

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तू मेरा ना हुआ कभी.....

24 सितम्बर 2021
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<div>मिला कुछ दर्द ऐसा,दिल ये सह ना सका🥺।</div><div><br></div><div>लाख शिकायते थी दफन दिल मे,लेकिन

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तुम्हारे चाँद मे दाग...

24 सितम्बर 2021
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<div>सुनो.......</div><div><br></div><div><br></div><div>तुम्हारे इस चाँद मे दाग बहुत है....</div><d

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आबरू

27 सितम्बर 2021
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<div>मैं खुद उतार दूंगी ये पर्दे लिबास</div><div>तू खुद्दार तो बन,,,</div><div>ये आबरू उतारने से पहल

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मासूम जिंदगी

28 सितम्बर 2021
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<div>क्या कहते हो?</div><div>एक बार फिर किसी मासूम लड़की का फायदा उठाया जाए</div><div><br></div><div>

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एक लड़की है वो

21 अक्टूबर 2021
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<div>एक लड़की है वो...</div><div>बहुत घबराती है ।</div><div><br></div><div>दिन के उजाले मे मुस्कान लि

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इंकार और इजहार

21 अक्टूबर 2021
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<div>मैंने कहा इंकार किया कि इजहार नहीं है..</div><div>फकत....साथ तूने छोड़ा तो,बदल हम भी गए। </

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सुनो ना चाँद!

25 अक्टूबर 2021
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<div>चाँद को देख कर मन मे कुछ लाइन्स आई तो सोचा लिख दूँ।पसंद आए तो लिखे और कमेंट करना।</div><div><br

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बेवफा

7 नवम्बर 2021
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<div>आज अचानक से फोन पर कुछ दिखा तो ये लाइन अपने आप हि दिल से उभर के आ गई। </div><div><br></div

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तेरी यारों का तोहफा

26 नवम्बर 2021
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<div>दिल के हर जख्म दिखाए थोड़ी जाते है।</div><div>जो बात दिल पर लगी वो बताए थोड़ी जाते है।</div><div>

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