मिला कुछ दर्द ऐसा,दिल ये सह ना सका🥺।
लाख शिकायते थी दफन दिल मे,लेकिन ये लब कुछ कह ना सका।
बेवक़्त आ जाती है तेरी यादें,दिल के किसी कोने से
ये दिल तेरी यादो से दूर रह ना सका।
यूँ तो कहने को कौन अपना है इस दुनिया मे?
फिर भी ये दिल तुझे पराया कह ना सका
तू तो कभी मेरा हुआ हि नहीं,लेकिन मैं तेरा होकर भी तेरा बन ना सका।
सोचा कि रो कर कर लू,दिल का बोझ कुछ हल्का
पर कम्बख्त आँखों का दरिया अब बह ना सका।✍️✍️✍️