सुनो.......
तुम्हारे इस चाँद मे दाग बहुत है....
फिर भी तुम मुझे अपनाओगे क्या?
दुनिया मेरी मुस्कुराहट देखती है,
तुम इसके पीछे छिपे दर्द को देख पाओगे क्या?
यहाँ भरोसा नहीं किसी पर भी मुझे...
लेकिन ये जो राह तुमने दिखलाई है...
इस राह पर चल कर मेरी उम्मीदों पर खरा उतर पाओगे क्या?