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एक चेहरा ऐसा भी

31 दिसम्बर 2021

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इतने दर्द छुपा के रक्खा,
इतने आंशु बचा के रक्खा,
एक मुस्कान के पिछे,
और कितने राज सजा कर रक्खा।

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Pushpa की डायरी
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हुं जल की मैं बहती धारा, झरनों ने है मुझे सवारा, हुं देती मैं अपना परिचय , स्याही लिखता पुष्पा नाम हमारा।

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