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एक दुआ

29 दिसम्बर 2021

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सुनो

एक दुआ करना रब से

भले ना मिलाएं मुझे

मेरी सफलताओ से

ना दीदार कराएं

दौलत की उस अपार 

संपत्ति का

ना मिलाएं मेरे सपनों को

हकीकत से।

पर एक शाम दे दे

मन्द बहती हवाओं के साथ

पुरज़ोर खिले फूलों के साथ

मिट्टी की सोढ़ी खुश्बू के साथ

चिड़ियों की चहचहाहट के साथ

एक स्निग्ध तरल हँसी के साथ।

एक सुबह दे दे

भरपूर उगी हुई......

और एक प्याली कॉफी वाली चाय

साथ में बुकमार्क लगी किताब 

जो तुमने लिखी हो।।

पंकज गुप्ता की अन्य किताबें

कविता रावत

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सच मन पंसद चीज मिल जाए तो फिर दुनिया भर की चीजें उसके आगे कहीं कुछ नहीं लगती

29 दिसम्बर 2021

पंकज गुप्ता

पंकज गुप्ता

29 दिसम्बर 2021

बिल्कुल। हार्दिक आभार आपका💐

अविरल रुचि

अविरल रुचि

बहुत सुंदर मोड़ दिया रचना को, काबिले तारीफ़👌😄

29 दिसम्बर 2021

पंकज गुप्ता

पंकज गुप्ता

29 दिसम्बर 2021

हार्दिक आभार

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29 दिसम्बर 2021
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23 मार्च 2022
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है लिये हथियार दुश्मन ताक में बैठा उधरऔर हम तैयार है सीना लिये अपना इधरखून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में हैसरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है।हाथ जिनमें हो जुनून कटते नही तलवार सेसर जो उठ जाते

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