shabd-logo

मैं मानव हूँ

30 सितम्बर 2021

43 बार देखा गया 43
मैंने जीवन को कटते देखा है
जीवन जीने को।
रास्ते के लिए
रास्ता बनाने को।
मैंने अमन का पतन देखा है
अमन पाने को।
मैं घर से निकला हूँ
घर की तलाश में
क्योंकि मैं मानव हूँ
दानव थोड़ी हूँ।।

पंकज गुप्ता की अन्य किताबें

अन्य डायरी की किताबें

Sunita

Sunita

Sundar

29 दिसम्बर 2021

Ranjeeta Dhyani

Ranjeeta Dhyani

बहुत सुंदर 👏👏👏

30 सितम्बर 2021

गीता भदौरिया

गीता भदौरिया

बहुत खूब पंकज जी

30 सितम्बर 2021

Shivansh Shukla

Shivansh Shukla

शानदार 🙏🙏👌👌👏👏👏

30 सितम्बर 2021

आंचल सोनी 'हिया'

आंचल सोनी 'हिया'

वाह वाह क्या बात है... सत्य और सटीक। 👌💐👍 हम मानव हैं, दानव थोड़ी...🙂

30 सितम्बर 2021

1

एक उम्मीद

2 सितम्बर 2021
11
13
5

<p>कभी कभी सोचता हूँ</p> <p>तुम्हारी हमारी जिंदगी </p> <p>एक फ़ाइल की तरह है</p> <p>जिनमें तमाम

2

भाग रहे है..लेकिन क्यों?

3 सितम्बर 2021
8
8
1

<div><span style="font-size: 16px;">भाग रहे है..लेकिन क्यों?</span></div><div><span style="font-size

3

मैं मानव हूँ

30 सितम्बर 2021
7
5
5

<div><span style="font-size: 16px;">मैंने जीवन को कटते देखा है</span></div><div><span style="font-si

4

उठूँगा मैं धूल सा

22 दिसम्बर 2021
3
3
3

<p>तुम मुझे गिरा देना</p> <p>अपने विकृत मिथ्या से।</p> <p>छलनी कर देना</p> <p>मेरे चित्त को अपने</p>

5

एक दुआ

29 दिसम्बर 2021
9
4
4

<p>सुनो</p> <p>एक दुआ करना रब से</p> <p>भले ना मिलाएं मुझे</p> <p>मेरी सफलताओ से</p> <p>ना दीदार करा

6

आत्मचिंतन

1 जनवरी 2022
1
0
0

<p>भारत में फेमस होने के कई तरीके है। उनमें से प्रमुख दो तरीके हाल में ही सामने आए है। एक ये बोल दीजिये कि आजादी 1947 में नहीं, बल्कि 2014 में मिली है। दूसरी महात्मा गांधी या अन्य किसी विभूति की बुराई

7

रिश्ता

11 मार्च 2022
4
2
2

सुनो जब मैं चला जाऊंगा इस दुनिया से सदा के लिए तो रोओगी तुम पर मैं महसूस  ना कर पाऊंगा। भेजोगी फूल  और ख़त हमें पर देख ना पाऊंगा। मालूम है मुझे तुम तारीफों के  पूल बाँधोगी पर उस पर कैसे चढ़ पाऊंगा। म

8

लाल रंग

19 मार्च 2022
0
0
0

सुनो!मैंने आज सपना देखातुम्हारे बिस्तर के बगल मेंबैठ मैं निहार रहा थातुम्हारें अप्रतिम सौंदर्य को।फिर मालूम....मैंने चूमा तुम्हें इस कदरमानों कोई गर्म मोम होतुम्हारें कांधे पेतुम भी तो चाहती थीथोड़ा जल

9

आखिरी खत

23 मार्च 2022
1
0
0

है लिये हथियार दुश्मन ताक में बैठा उधरऔर हम तैयार है सीना लिये अपना इधरखून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में हैसरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है।हाथ जिनमें हो जुनून कटते नही तलवार सेसर जो उठ जाते

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए