बंद करो मारामारी दूर करो
दुविधा सारी क्यूं करते हो
झगड़ा लड़ाई कर लो ,, आपस में एकता साझेदारी
अनबन में कुछ नही एकता होती बलशाली हर प्रयास
सफल हो जाते हैं जब होती है एकता हमारी ,,
हर किसी का भविष्य होता
है उज्ज्वल एकता होती है
बलशाली ,,
एकता में पत्थर भी बन जाता है मोम न रहती है
कोई लाचारी..
जब आता है संकट कोई
तब सब मिलकर ढ़ूढते हैं
रास्ता र्निकर्ष हर दु:ख का
करतें हैं निवारण यही है
एकता हमारी..✍️
मुंबई महाराष्ट्र
स्वरचित (स्वैच्छिक) मौलिक
*सरिता मिश्रा पाठक "काव्यांशा