प्यारे दोस्तों
*
जब बात दर्द लिखने की चली है। तो मै भी कुछ अपने हास्य दर्द आप लोगों के साथ बांटना चाहती हूं।। किसी का मज़ाक उड़ाना मेरा मकसद नहीं है।। मैं तो बस अपने बारे में बताने की कोशिश कर रही हूं।।
बहुत सारी लेखिकाओं को मैंने देखा है वो अपनी डायरी लिखती हैं । दिन भर में उनके साथ क्या क्या घटना घटी।।
एक दिन मेरा भी मन हुआ डायरी लिखने का साथ ही अपना अनुभव आप लोगों से साझा करने का।।
जैसा कि आप लोगों को पता ही है। कि मैं एक हाउसवाइफ हूं।।
अब मैं भी बैठी डायरी लिखने सुबह से शाम तक का सारा बायोडाटा मैंने डिट्टो छाप दिया।कि मैंने आज सुबह से शाम तक आते-आते क्या क्या किया।।
अब मैं आपको भी पढ़ कर सुनाती हूं।। कि मैं ने मेरी डायरी में क्या-क्या लिखा था।।
सुबह उठी उघते हुए किचन में गई।। बर्तनों का अंबार लगा था। मैंने भी पिताम्बरी बार उठाया धो डाला।।
अब बारी ब्रश की थी।। दन्त क्रान्ति जिसने बड़ी बड़ी कंपनिया के दांत खट्टे कर दिए। मेरे तो साफ़ हो गए।।
अब चाय बनाई दमदार यू पी वाली टाटा टी मुझमें भी चाय पी कर दम आ गया।।
खाना बनाकर बाथरूम में गई वहां कपड़े मुंह लटकाए
मेरा इंतजार कर रहे थे।। मैंने भी नया टाइड डाला और सबको ह्वाइट कर डाला।।
कुल मिलाकर मैं छ सात बार बर्तन धुलना लिख पाई।
तीन चार बार पति बच्चों को खाना खिलाना लिख पाई
दोस्तों।।
कुल मिलाकर अपनी लिखी हुई डायरी अपने ही पढ़ कर रोना आ गया। 😭😭😪😢आप लोगों से कैसे शेयर करती।। मैंने मोबाइल से डायरी के वो सारे पन्ने हटा दिए।। और डायरी लिखना अपने बस का नही
है। खुद को समझा दिया।।
दोस्तों ये मेरे स्वरचित दर्द है। इसमें से आप लोग कुछ भी चुराने की कोशिश मत कीजिएगा । नहीं तो आप लोगों पर मैं मान हानी या कापी राइट वगैरह का दावा कर सकती हूं।। इस लिए इसे पढ़कर ज्यों का त्यों छोड़ दें कांपी ना करें।।😄😄😄😄🤣🤣🤣
पुर्णिमा किरन 🌷🌷✍️