shabd-logo

फ़िल्टर कॉफी

4 सितम्बर 2022

71 बार देखा गया 71

डॉली की फ़िल्टर कॉफी पूरे अपार्टमेंट में मशहूर थी। उसका मित्र डेविड तो रोज शाम को फ़िल्टर कॉफी के बहाने मिलने आता था। डॉली को भी उससे मिलना अच्छा लगता था। आखिर वह इकलौता शक्स था जो हमेशा डॉली की तारीफ करता था। बाकी तो उसके फ़िल्टर  कॉफी की ही तारीफ करते थे।एक दिन डेविड का ट्रांसफर मुम्बई हो गया जहां जाने के लिए वह  वर्षों से प्रतीक्षा कर रहा था। उस शाम डेविड ने कॉफी पीते समय डॉली से कहा - मुम्बई में मैं तुम्हारी फ़िल्टर कॉफी को बहुत मिस करूंगा। डॉली ने मुस्कराकर कहा- और मै अपनी दोस्त को।

6
रचनाएँ
लघु कथा
0.0
इस पुस्तक में लघु कथाओं का संग्रह है I
1

सोशल मीडिया

6 सितम्बर 2022
1
1
0

मंटू बाबू माधोपुर से मेरठ जा रहे थे। ट्रेन में सामने की बर्थ पर एक बुजुर्ग महिला और उसके साथ एक टीनेजर बच्ची सफर कर रही थी। बच्ची अपने मोबाइल में व्यस्त थी। दरअसल जब से सोशल मीडिया आया है किसी के पास

2

शिक्षक कौन?

5 सितम्बर 2022
2
1
0

मंटू बाबू अपनी कक्षा में पढ़ाते हुए बोल गए कि शिक्षक समाज का निर्माता होता है। एक लड़की शिवानी ने सलीनता के साथ उनसे प्रश्न किया - सर क्या शिक्षक ही समाज का निर्माण करते है, शिक्षिका नहीं? मंटू बाबू न

3

भेलपुरी

2 सितम्बर 2022
3
1
5

            रोजाना की तरह आज भी शाम को मंटू  बाबू अपनी बेटी वैष्णवी के साथ गली में टहल रहे थे I गली के नुक्कड़ पर भेलपुरी वाला रोज़ाना की तरह आज भी खड़ा था I बेटी का मन भेलपुरी खाने का था I सो मंटू बाबू

4

फ़िल्टर कॉफी

4 सितम्बर 2022
3
2
0

डॉली की फ़िल्टर कॉफी पूरे अपार्टमेंट में मशहूर थी। उसका मित्र डेविड तो रोज शाम को फ़िल्टर कॉफी के बहाने मिलने आता था। डॉली को भी उससे मिलना अच्छा लगता था। आखिर वह इकलौता शक्स था जो हमेशा डॉली की तारीफ

5

आधी हकीक़त आधा फ़साना

7 सितम्बर 2022
1
0
0

मंटू बाबू रोजाना की तरह  आज भी अपने अपार्टमेंट  के सामने पार्क में शाम के वक़्त टहल रहे थे I पार्क में खेलते बच्चों  को देख आज अनायास ही उन्हें अपने बचपन के दिन याद आ गए I चेहरे पर एक गज़ब  की रौनक आ गय

6

अन्धविश्वास

18 सितम्बर 2022
2
2
0

मंटू बाबू की पत्नी एक बड़ा   पॉलिथीन का  बैग उन्हें थमा कर बोली- " आज ऑफिस से आते समय गंगा जी में इसे  प्रवाहित करके आना I पिछले नवरात्र  का पड़ा है I"  मंटू बाबू ने बैग के अंदर नजर डाली तो पूजा पर चढ़ाय

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए