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आधी हकीक़त आधा फ़साना

7 सितम्बर 2022

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मंटू बाबू रोजाना की तरह  आज भी अपने अपार्टमेंट  के सामने पार्क में शाम के वक़्त टहल रहे थे I पार्क में खेलते बच्चों  को देख आज अनायास ही उन्हें अपने बचपन के दिन याद आ गए I चेहरे पर एक गज़ब  की रौनक आ गयी I अपने साथ टहल रहे लल्लन बाबू  से उन्होंने कहा - काश बचपन के  दिन फिर लौट कर आ जाए या हम अपने बचपन में वापस चले जाए I लल्लन बाबू मुस्कराकर बोले- सुना है टाइम मशीन से यह सब सम्भव है I मंटू बाबू बोले- लेकिन हकीक़त में ऐसा केवल बच्चों की फ़िल्म में होता है I लल्लन बाबूने कहा- ऐसा नहीं है जी I हमारे यहाँ  यह सब संभव था I  हमारे  विष्णु पुराण  में उल्लेख मिलता है कि  एक समय के  राजा काकुड़मी  की बेटी रेवती अत्यंत सुन्दर  एवं सर्वगुण सम्पन्न थी I उसके विवाह योग्य हो जाने पर पिता काकुड़मी की नज़र में जो विवाह योग्य वर थे उनमें  से किसके साथ वे रेवती का विवाह करें,  यह तय नहीं कर पा रहे थे I  सो एक दिन उन्होने बेटी के साथ ब्रम्हा जी  के पास जाकर पूछने का निर्णय लिया  और ब्रम्हलोक की ओर  निकल पड़े I जब पिता -  पुत्री ब्रम्हलोक पहुंचे तो ब्रम्हा जी गन्धर्व नृत्य देख रहे थे I सो पिता -  पुत्री ने गन्धर्व नृत्य समाप्त होने का इन्तजार किया और फिर काकुड़मी ने अपने द्वारा तैयार किए गए  योग्य वर की सूची ब्रम्हा जी को दिखा कर जानना चाहा कि रेवती का विवाह किससे किया जाए I काकुड़मी की बात सुन ब्रम्हा जी जोर से हंसे और बोले- जितनी देर आप यहाँ रहे उतनी देर में पृथ्वी पर 108 युग बीत चुके हैं I अब इनमें से कोई भी आदमी जीवित नहीं है I न ही इन नामों  को जानने वाला कोई व्यक्ति जीवित है I जब पृथ्वी पर लौट के  जाओगे तो घर, परिवार या राज्य  का कोई भी व्यक्ति  नहीं मिलेगा I अंत में ब्रम्हा जी ने ककुड़मी से कहा कि पृथ्वी पर चल रहे इस युग में कृष्ण और बलराम हैं I रेवती का विवाह बलराम के साथ करने का सुझाव देकर ब्रम्हा जी ने पिता - पुत्री को ब्रम्ह्लोक से बिदा किया I विष्णुपुराण की यह कथा सुन मंटू बाबू  बोले- आधुनिक समय में हुए प्रयोगो से भी यह साबित हो चुका है कि  टाइम डिफरेंस होता है I हवाई जहाज यदि पृथ्वी के घूमने की दिशा में उड़ रहा है तो उसके अंदर की घडी की गति धीमी हो जाती है I फिर लल्लन बाबू ने पूछा - ये टाइम ट्रेवल हम कई बार सुने है, ये क्या है ? मंटू बाबू बोले - वर्तमान समय से पहले या बाद के समय में चले जाने को टाइम ट्रेवल कहते है I ये आधी हकीक़त  आधा फ़साना  है I विज्ञान तो कहता है यह संभव है Iहमारा धार्मिक साहित्य भी इसका समर्थन करता है I  किन्तु हकीकत में  वर्तमान युग में यह किस्से - कहानियो तक ही सीमित है I                                                                                                                                                                  ,

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रचनाएँ
लघु कथा
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इस पुस्तक में लघु कथाओं का संग्रह है I
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सोशल मीडिया

6 सितम्बर 2022
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मंटू बाबू माधोपुर से मेरठ जा रहे थे। ट्रेन में सामने की बर्थ पर एक बुजुर्ग महिला और उसके साथ एक टीनेजर बच्ची सफर कर रही थी। बच्ची अपने मोबाइल में व्यस्त थी। दरअसल जब से सोशल मीडिया आया है किसी के पास

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शिक्षक कौन?

5 सितम्बर 2022
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मंटू बाबू अपनी कक्षा में पढ़ाते हुए बोल गए कि शिक्षक समाज का निर्माता होता है। एक लड़की शिवानी ने सलीनता के साथ उनसे प्रश्न किया - सर क्या शिक्षक ही समाज का निर्माण करते है, शिक्षिका नहीं? मंटू बाबू न

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भेलपुरी

2 सितम्बर 2022
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            रोजाना की तरह आज भी शाम को मंटू  बाबू अपनी बेटी वैष्णवी के साथ गली में टहल रहे थे I गली के नुक्कड़ पर भेलपुरी वाला रोज़ाना की तरह आज भी खड़ा था I बेटी का मन भेलपुरी खाने का था I सो मंटू बाबू

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फ़िल्टर कॉफी

4 सितम्बर 2022
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डॉली की फ़िल्टर कॉफी पूरे अपार्टमेंट में मशहूर थी। उसका मित्र डेविड तो रोज शाम को फ़िल्टर कॉफी के बहाने मिलने आता था। डॉली को भी उससे मिलना अच्छा लगता था। आखिर वह इकलौता शक्स था जो हमेशा डॉली की तारीफ

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आधी हकीक़त आधा फ़साना

7 सितम्बर 2022
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मंटू बाबू रोजाना की तरह  आज भी अपने अपार्टमेंट  के सामने पार्क में शाम के वक़्त टहल रहे थे I पार्क में खेलते बच्चों  को देख आज अनायास ही उन्हें अपने बचपन के दिन याद आ गए I चेहरे पर एक गज़ब  की रौनक आ गय

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अन्धविश्वास

18 सितम्बर 2022
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मंटू बाबू की पत्नी एक बड़ा   पॉलिथीन का  बैग उन्हें थमा कर बोली- " आज ऑफिस से आते समय गंगा जी में इसे  प्रवाहित करके आना I पिछले नवरात्र  का पड़ा है I"  मंटू बाबू ने बैग के अंदर नजर डाली तो पूजा पर चढ़ाय

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