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गणेश चतुर्थी की व्रत कथा

18 सितम्बर 2023

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 एक बार भगवान शंकर और माता पार्वती नर्मदा नदी के निकट बैठे थें. वहां देवी पार्वती ने भगवान भोलेनाथ से समय व्यतीत करने के लिये चौपड खेलने को कहा. भगवान शंकर चौपड खेलने के लिये तो तैयार हो गये. परन्तु इस खेल मे हार-जीत का फैसला कौन करेगा?  इसका प्रश्न उठा, इसके जवाब में भगवान भोलेनाथ ने कुछ तिनके एकत्रित कर उसका पुतला बना, उस पुतले की प्राण प्रतिष्ठा कर दी. और पुतले से कहा कि बेटा हम चौपड खेलना चाहते है. परन्तु हमारी हार-जीत का फैसला करने वाला कोई नहीं है. इसलिये तुम बताना की हम मे से कौन हारा और कौन जीता. यह कहने के बाद चौपड का खेल शुरु हो गया. खेल तीन बार खेला गया, और संयोग से तीनों बार पार्वती जी जीत गई. खेल के समाप्त होने पर बालक से हार-जीत का फैसला करने के लिये कहा गया, तो बालक ने महादेव को विजयी बताया. यह सुनकर माता पार्वती क्रोधित हो गई. और उन्होंने क्रोध में आकर बालक को लंगडा होने व किचड में पडे रहने का श्राप दे दिया. बालक ने माता से माफी मांगी और कहा की मुझसे अज्ञानता वश ऎसा हुआ, मैनें किसी द्वेष में ऎसा नहीं किया. बालक के क्षमा मांगने पर माता ने कहा की, यहां गणेश पूजन के लिये नाग कन्याएं आयेंगी, उनके कहे अनुसार तुम गणेश व्रत करो, ऎसा करने से तुम मुझे प्राप्त करोगें, यह कहकर माता, भगवान शिव के साथ कैलाश पर्वत पर चली गई.  ठीक  एक वर्ष बाद उस स्थान पर नाग कन्याएं आईं. नाग कन्याओं से श्री गणेश के व्रत की विधि मालुम करने पर उस बालक ने 21 दिन लगातार गणेश जी का व्रत किया. उसकी श्रद्वा देखकर गणेश जी प्रसन्न हो गए. और श्री गणेश ने बालक को मनोवांछित फल मांगने के लिये कहा. बालक ने कहा की है विनायक मुझमें इतनी शक्ति दीजिए, कि मैं अपने पैरों से चलकर अपने माता-पिता के साथ कैलाश पर्वत पर पहुंच सकूं और वो यह देख प्रसन्न हों. बालक को यह वरदान दे, श्री गणेश अन्तर्धान हो गए. बालक इसके बाद कैलाश पर्वत पर पहुंच गया. और अपने कैलाश पर्वत पर पहुंचने की कथा उसने भगवान महादेव को सुनाई. उस दिन से पार्वती जी शिवजी से विमुख हो गई. देवी के रुष्ठ होने पर भगवान शंकर ने भी बालक के बताये अनुसार श्री गणेश का व्रत 21 दिनों तक किया. इसके प्रभाव से माता के मन से भगवान भोलेनाथ के लिये जो नाराजगी थी वह समाप्त हो गई. यह व्रत विधि भगवन शंकर ने माता पार्वती को बताई. यह सुन माता पार्वती के मन में भी अपने पुत्र कार्तिकेय से मिलने की इच्छा जाग्रत हुई. माता ने भी 21 दिन तक श्री गणेश व्रत किया और दुर्वा, पुष्प और लड्डूओं से श्री गणेश जी का पूजन किया. व्रत के 21 वें दिन कार्तिकेय स्वयं पार्वती जी से आ मिलें. उस दिन से श्री गणेश चतुर्थी का व्रत मनोकामना पूरी करने वाला व्रत माना जाता है.



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रचनाएँ
भानमती का पिटारा
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परिचय ज़िंदगी के पथ पर रोजमर्रा के सवाल जबाब से
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हरतालिका तीज की पवित्र कथा

18 सितम्बर 2023
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हरतालिका तीज यह पर्व हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि को मनाते हैं। इस व्रत के करने से भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। हरताल

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गणेश चतुर्थी की पवित्र कथा

18 सितम्बर 2023
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शिवपुराण के अनुसार यह वर्णन है कि एक बार माता पार्वती ने स्नान करने से पूर्व अपनी मैल से एक बालक को उत्पन्न करके उसे अपना द्वारपाल बना दिया। शिवजी ने जब प्रवेश करना चाहा तब बालक ने उन्हें रोक दिया। इस

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गणेश चतुर्थी की व्रत कथा

18 सितम्बर 2023
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गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं

19 सितम्बर 2023
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🙏🙏🙏 आदरणीय,  प्रभु गणेश की कृपा आप और आपके परिवार पर सदैव बनी रहे। शुभ, स्वस्थ, मंगलमय, प्रसन्नता पूर्ण गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं।  सादर, दीपक कुमार श्रीवास्तव "नील पदम् " 💐💐💐

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सत्यनारायण

21 सितम्बर 2023
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सत्यनारायण के नाम में ही उद्देश्य छिपा हुआ है।  अर्थात सत्य ही नारायण हैं या नारायण ही सत्य हैं।  इसका तात्पर्य क्या हुआ।  आईये थोड़ा विचार करते हैं।   प्रथम भाव को यदि लें।  सत्य ही नारायण हैं।

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सत्यनारायण व्रत कथा

21 सितम्बर 2023
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हिन्दू धर्मावलम्बियों के बीच सबसे प्रतिष्ठित व्रत कथा के रूप में भगवान विष्णु के सत्य स्वरूप की सत्यनारायण व्रत कथा है। कुछ लोग मनौती पूरी होने पर, कुछ अन्य नियमित रूप से इस कथा का आयोजन करते हैं। सत्

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पेरिस ओलिंपिक का शुभंकर

28 अप्रैल 2024
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2024   के ओलिंपिक खेल पेरिस में होंगे ।  पेरिस  ओलिंपिक  का  शुभंकर  है  फ्रीज।  पेरिस 2024 का दृष्टिकोण दर्शाता है कि खेल जीवन बदल सकता है, शुभंकर खेल के माध्यम से एक क्रांति का नेतृत्व करके एक

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