में एक कवि हूँ , इसके अतिरिक्त और कुछ नहीं !
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शिक्षा आज शिक्षा एक व्यवसाय बन चुकी हैं क्यों न इस व्यवसाय को नि:स्वार्थ समुदाय बनाया जाये
महात्मा गाँधी कुछ लोग कभी मरते नहीं ऐसा कोई दिल नहीं जिसमे गाँधी जी धड़कते नहीं वो एक पवित्र आत्मा थे जो डंडे खाने पर भी थकते नहीं थे