कर गये आजाद देश मिट कर भगत सिंह आजाद जब रहे गये गुलाम हम लोग तो देश कहा हुआ आजाद कोई करे धर्म की गुलामी कोई करे भाषा की किसी को परवा नही देश के हालात की वह लड़े थे जब गोरो से तब वह देश छोड़ गये हम लड़ न पा रहे खुद के सोचो से तो कैसे होंगे देश का कल्याण वह न थे गुलाम किसी धर्म जाती के तभी तोभी वह मिट के भी अमर है आज तभी तो वह मिट के भी