shabd-logo

गुलज़ार ----

26 अगस्त 2015

382 बार देखा गया 382
कितनी आवाज़ें हैं, यह लोग हैं, बातें हैं मगर ज़ेहन के पीछे किसी और ही सतह पे कहीं जैसे चुपचाप बरसता है तसव्वुर तेरा || ~~ गुलज़ार ~~
ओम प्रकाश शर्मा

ओम प्रकाश शर्मा

गुलज़ार साहब की ये पंक्तियाँ साझा करने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया !

26 अगस्त 2015

1

गुलज़ार ----

26 अगस्त 2015
0
4
1

कितनी आवाज़ें हैं, यह लोग हैं, बातें हैं मगरज़ेहन के पीछे किसी और ही सतह पे कहीं जैसे चुपचाप बरसता है तसव्वुर तेरा || ~~ गुलज़ार ~~

2

हिंदी

26 अगस्त 2015
0
7
1

लिखना चाहते है हिंदी ।. लिखे क्या.... शब्दनगरी तेरा बहुत बहुत सुक्रिया . हिंदी भाषा !! हिन्दुस्तान मैं ही लुप्त न हो जाये !

3

हमारा भारत देश....!!!

27 अगस्त 2015
0
2
0

कब तक हमारा देश जाती पाती और धर्म के नाम पे युही आपस में लड़ता झगड़ता रहेगा ।... मेरे विचार से हमारे देश में 80% - 90% पढ़े लिखे लोग है.. आप लोग भी सहमत ही होंगे.... फिर भी ऐसे हालत होते है, हमारे इस देश में । हिंदुस्तान !!!! जहाँ सर्व धर्म एक समान !! पूरा जहान मनता है और हम सब हिन्दुस्तनिओ को गर्व है

4

काश! पिपलांत्री जैसा हो हर गांव || || Piplantri village story || पिपलांत्री गांव (राजस्थान ) - YouTube

27 सितम्बर 2019
0
0
0

काश ....!! इस शब्द को ना सोचिये || एक कदम बढाइये पिपलांत्री जैसे गॉव पूरा देश बन जाये || पढ़ें पूरी खबर: https://bit.ly/2OOhy3uइस गांव का नाम पिपलांत्री हैं। करीब 2 हजार से ज्यादा आबादी वाले ग्राम पंचायत की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे मॉडल बनाने में किसी सरकार या एजेंसी का हाथ नही

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए