मै पत्रकारिता के साथ हिंदी एवं गढ़वाली में कहानी कवितावों के माध्यम से जन जन तक पहुचाने का एक छोटा सा प्रयास करता हूँ .
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इसमे मेरे द्वारा सृजित कविताओं का संकलन है।
शहर के व्यापार संगठन के अध्यक्ष किशन चंद जी के बेटे का चयन आईपीएस ऑफिसर के पद पर हो गया था। किशन चंद की पत्नी निर्मला देवी ने मंन्नत मॉगी थी कि यदि उनके बेटे का चयन हो जाता है तो वह मंदिर में ब
पुरुष पुरुष स्वभाव से निष्ठुर औऱ निर्दयी नहीं होता बल्कि उसको ऐसा समाज द्वारा बनाया जाता हैं तुम पुरुष हो, तुम रो नहीं सकते, तुम टूट नहीं सकते तुम अपने मन के भाव को जाहिर नही
ऐ दिलरुबा तुम समझती क्यों नहीं मेरे इस दिले जज़्बात को,तुम्हे भी हमसे प्यार हैँ, बताती क्यों नहीं अपने इन मीठे लफ्जो से, हर बार तुम्हे समझाते गये,अपनी दिल की बात, तुमसे क
ताजवर ने रात को सुबह 4 बजे का अलार्म लगाकर अपनी पत्नी रेणूका को कहा कि तुम भी अलार्म लगा दो कहीं मैं उसे यह कहकर बंद ना कर दूं कि 10 मिनट बाद उठ जाउॅगा। रेणूका ने भी अलार्म लगा दिया। ताजवर
भिटोली रोहित दो दिन की छुट्टी ले लो, रेनू ने टिपिन पैक करते हुए कहा, रोहित यार अभी तो मार्च फाईनल चल रहा है, और फिर महीने की शुरूवात में बॉस नये टारगेट दे देते
दिल के अरमान फोन की रिंग टोन बजते हीएसएमएस की वाइब्रेट होते हीव्हाटसअप स्टेटस चैक करते हीअक्सर दिल धडकने सा लगता है। अगर उनसे बात नहीं होती हैदिल बेचैन सा हो जाता हैचाहे अनचाहे एक अहसा
मानसिक पलायन गरीबी और लाचारी ने तो परिवार को पहले से ही दबा रखा था ,इधर भाईयों और 02 बहिनों की पढायी के बोझ को देखते हुए नौकरी करने सतीष 12 वीं के बाद अपने मामा के साथ म
देहरादूनशांत आबोहवा का वातावरणअब प्रदूषण में बदल गया हैहरे पेड़ो से लखदख वन नगरअब कंक्रीट में बदल गया है।नहरों की वो कल कल ध्वनिगाड़ियों की हॉर्न में बदल गये हैएकड़ में बासमती और गन्ने केे खेत