shabd-logo

common.aboutWriter

मै पत्रकारिता के साथ हिंदी एवं गढ़वाली में कहानी कवितावों के माध्यम से जन जन तक पहुचाने का एक छोटा सा प्रयास करता हूँ .

Other Language Profiles

common.awards_and_certificates

prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-10-17
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-10-14
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-07-02
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-03-14
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-06-04
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-03-19

common.books_of

मनखी की कविताएं

मनखी की कविताएं

इसमे मेरे द्वारा सृजित कविताओं का संकलन है।

निःशुल्क

मनखी की कविताएं

मनखी की कविताएं

इसमे मेरे द्वारा सृजित कविताओं का संकलन है।

निःशुल्क

common.kelekh

राजधानी देहरादून की हृदयांगिनी रिस्पना नदी से साक्षात्कार

22 अक्टूबर 2024
0
0

राजधानी देहरादून की हृदयांगिनी रिस्पना नदी से साक्षात्कार शाम का समय था, मैं रिस्पना पुल से अपने घर से जा रहा था, रिस्पना पुल के हरिद्वार जाते समय बायीं तरफ दे

एक बार कह तो देते

17 अक्टूबर 2024
1
1

सोनू का हाइस्कूल का आखिरी पेपर है, बहुत खुश है कि अब तो गर्मियों की छुट्टियों में मनाली मामा जी के यँहा घूमने जाना है, सारे दोस्तों में जाने का पूरा बखान कर आ गया, सोनू ने घर आकर अपनी माँ से मामा&nbsp

शरद पूर्णिमा

16 अक्टूबर 2024
0
0

शरद की चाँदनी चमक रही आसमा में सोलह कलाओ से दमक रही नील गगन में चाँद की चाँदनी से खिला हैँ आज संसार धरती को मिल रहा हैँ चंदा का दुलार।खीर देखकर चंदा आज मुस्करा रहें होंगे अमृत की ब

भूतो का घर

14 अक्टूबर 2024
0
0

रोशन अपने ऑफिस में लैपटॉप पर कम्पनी को मेल कर रहा था तब तक मोबाईल पर रिंग टोन बजी उसने स्पीकर खोला तो सामने गाँव के चाचा जी का फोन था। चाचाजी ने बताया कि उसके पिताजी का स्वास्थ्य ज्यादा खराब है,

भंडारे का प्रसाद

11 जुलाई 2024
0
0

शहर के व्यापार संगठन के अध्यक्ष किशन चंद जी के बेटे का चयन आईपीएस ऑफिसर के पद पर हो गया था। किशन चंद की पत्नी निर्मला देवी ने मंन्नत मॉगी थी कि यदि उनके बेटे का चयन हो जाता है तो वह मंदिर में ब

पुरुष

3 जुलाई 2024
0
0

पुरुष पुरुष स्वभाव से निष्ठुर औऱ निर्दयी नहीं होता बल्कि उसको ऐसा समाज द्वारा बनाया जाता हैं तुम पुरुष हो, तुम रो नहीं सकते, तुम टूट नहीं सकते तुम अपने मन के भाव को जाहिर नही

पुरुष

3 जुलाई 2024
0
0

पुरुष पुरुष स्वभाव से निष्ठुर औऱ निर्दयी नहीं होता बल्कि उसको ऐसा समाज द्वारा बनाया जाता हैं तुम पुरुष हो, तुम रो नहीं सकते, तुम टूट नहीं सकते तुम अपने मन के भाव को जाहिर नही

पुरुष

3 जुलाई 2024
0
0

पुरुष पुरुष स्वभाव से निष्ठुर औऱ निर्दयी नहीं होता बल्कि उसको ऐसा समाज द्वारा बनाया जाता हैं तुम पुरुष हो, तुम रो नहीं सकते, तुम टूट नहीं सकते तुम अपने मन के भाव को जाहिर नही

दिलरुबा

26 जून 2024
0
0

ऐ दिलरुबा तुम समझती क्यों नहीं मेरे इस दिले जज़्बात को,तुम्हे भी हमसे प्यार हैँ, बताती क्यों नहीं अपने इन मीठे लफ्जो से, हर बार तुम्हे समझाते गये,अपनी दिल की बात, तुमसे क

बुढ़ापे कि पीड़ा

7 मई 2024
0
0

ताजवर ने रात को सुबह 4 बजे का अलार्म लगाकर अपनी पत्नी रेणूका को कहा कि तुम भी अलार्म लगा दो कहीं मैं उसे यह कहकर बंद ना कर दूं कि 10 मिनट बाद उठ जाउॅगा। रेणूका ने भी अलार्म लगा दिया। ताजवर

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए