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हरीश कंडवाल मनखी के बारे में

मै पत्रकारिता के साथ हिंदी एवं गढ़वाली में कहानी कवितावों के माध्यम से जन जन तक पहुचाने का एक छोटा सा प्रयास करता हूँ .

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पुरस्कार और सम्मान

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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-07-02
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-03-14
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-06-04
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-03-19

हरीश कंडवाल मनखी की पुस्तकें

मनखी की कविताएं

मनखी की कविताएं

इसमे मेरे द्वारा सृजित कविताओं का संकलन है।

निःशुल्क

मनखी की कविताएं

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इसमे मेरे द्वारा सृजित कविताओं का संकलन है।

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हरीश कंडवाल मनखी के लेख

ओढ़

28 अक्टूबर 2023
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हल लगाते हुए भगतू के बैल ओढ को पार करते हुए दूसरे भाई जगतू के खेत में घुस गये, इतने में जगतू की पत्नी विमला ने यह सब देख लिया, और उसने बिना जाने ही गाली देनी शुरू कर दी। हल्ला और गाली सुनकर जगतू

नवरात्रि

15 अक्टूबर 2023
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देवी सती के रूप में अग्नि को देह समर्पण कियाअगले जन्म में शैलपुत्री के रूप में जनम लियाहिमालय की पुत्री ने शिवशंकर को पुनः वरण कियाप्रथम नवरात्रि आपका,सबने सर्वप्रथम पूजन किया।दूसरी मा

तस्वीर

12 अक्टूबर 2023
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अब माथे की तकदीर नहीं , तस्वीर बोलती है अब सच नहीं, साहब झूठ की तोती बोलती है रहा होगा कभी जमाना पाप पुण्या धर्म आस्था का अब तो राजनीति का धर

चल मुसाफिर चल

21 सितम्बर 2023
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मॉ के गर्भ में नौ माह का किया सफर,मिला मुझे मॉ का सबसे पहले प्यारजन्म लेते ही रोने से हुई पहली बातनाल में लिपटकर आये खाली हाथ। पहली बार रोते ही मॉ ने खुशी जतायीउसके बाद बच्चे के रोने पर खुद रोयीम

इशारा तो कर दो

18 सितम्बर 2023
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अगर तुम हमसे नाराज नहीफिर खफा खफा से क्यो होकह दो जो भी कहना है तुमकोनही कुछ कहना तो फिर चुप क्यों हो। हुई है गर हमसे कोई नादानियाँनादान समझ कर दुलार कर दोदिल की आवाज को समझे हम कैसेऐसा कोई

गलत फहमी

17 सितम्बर 2023
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वो दो जिश्म एक जान थेएक दूसरे के परवान थेमोहब्बत ऐसी कि हर वक्तएक दूजे पर मर मिटने वाले थे।वक्त ने जैसे जैसे रफ्तार पकड़ीमोहब्बत और गहरी होती चलीदोनों ने मर मिटने की कसमें खाईमंदिर में जाकर उन्होंने शा

चुनाव और आपदा

13 सितम्बर 2023
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चुनाव में दल बल होता है, आपदा में सुनपट्ट होता है, चुनाव में पूरी टीम होती है, आपदा में कोई नहीं दिखता है। चुनाव में दारू की बोतलेकोने कोने पहॅुच जाते हैआपदा में एक पान

श्रीकृष्णा

6 सितम्बर 2023
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वासुदेव देवकी के पुत्रनंद बाबा यशोदा के सुतदाहू भैया के तुम अनुजद्वापर युग के तुम मनुज।पूतना, बकासुर, अघासुरतृणावत, वत्सासुर चक्रासुरखेलकर इनको मार गिरायाअपनी शक्ति से परिचय कराया। माँ यशोदा को

शिक्षक

5 सितम्बर 2023
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माँ प्रथम गुरु जो जन्म से पहले ही सिखातीगर्भ में ही प्रेम की परिभाषा हमें समझातीजन्म के कुछ माह बाद मुस्कराना बतातीमाँ के घुटने प्रथम पाठशाला कहलाती।घर के सब परिजन बोलना चलना सिखातेपिताजी

फिर भी गिला है तुमसे।

29 अगस्त 2023
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यूं तो बहुत कुछ मिला है तुमसेफिर भी मुझको गिला है तुमसेख्वाब आंखों में तुम्हारे हैं अहसास बातो में तुम्हारे हैफिर भी मेरा प्यार मेरा करार अछूता है तुमसे।इस डूबती कश्ती को पार लगाया तुमनेमंजिलों

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