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बुढ़ापे कि पीड़ा

7 मई 2024

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  ताजवर ने रात को सुबह 4 बजे का अलार्म लगाकर अपनी पत्नी रेणूका को कहा कि तुम भी अलार्म लगा दो कहीं मैं उसे यह कहकर बंद ना कर दूं कि 10 मिनट बाद उठ जाउॅगा। रेणूका ने भी अलार्म लगा दिया। ताजवर शिक्षक है, और वह कालसी के गॉव के स्कूल में िंशक्षक है। देहरादून घर से ही रोज आना जाना होता है। कालसी पोसि्ंटग से पहले अपने गॉव के घर के पास के ही विद्यालय में पोस्टेड था।  बच्चों के कहने पर देहरादून में घर बना दिया और फिर कई साल दुर्गम की नौकरी करते हुए हो गये तो साथी अध्यापकों और मित्रों एवं परिजनों ने कहा कि अब तो सुगम में अपना ट्रांसफर करवा दो। ताजवर ने भी सोचा कि अब देहरादून में मकान बन गया तो वहीं से आना जाना कर दूंगा। वैसे भी सारे शिक्षक रोज आना जाना कर ही तो रहे हैं, मैं भी कर लूंगा।
   ताजवर की कालसी में पोस्टिंग हो गयी और अब सेवानिवृत्त होने के दो साल रह गये थे, देहरादून में मकान बनाने में पूरी जीवन की जमा पूंजी लग गई थी, दो बेटे और एक बेटी थी सबकी शादी हो गई थी, बड़ा बेटा अमेरिका में और छोटा बेटा अपने परिवार के साथ बैंग्लूरू में रह रहा था। बेटी भी अपने पति के साथ पुणे में निवास कर रहे थे। दोनों बेटे  हप्ते में एक दो बार व्हाटस कॉलिंग कर देते थे, बेटी भी दो दिन में कर लेती थी।
   ताजवर की पत्नी जब तक अपने पैतृक गॉव में रही वह ताजवर के पीछे लगी रही कि सबने देहरादून ़़़ऋषिकेश कोटद्वार में मकान बना लिये तुम ही पता नहीं क्या सोच रहे हो, ताजवर हमेशा टालने की कोशिश करता और कहता कि बच्चे कमायेंगे और बना लेंगे हमारी जिंदगी तो यहीं निकल गयी अब आखिर वक्त में पिजंरे में रहने के लिए कहॉ जाना। रेणुका रोज ताजवर को अपने रिश्तेदारों और अन्य लोगों की बातें सुनाती हुई कहती कि उन्होंने भी कोटद्वार में जमीन ले ली है, मामा के बच्चों ने देहरादून में मकान बना लिया है, जेठानी कह रही थी कि टीचर हैं, और इतनी कंजूसी कर रहे हैं, क्या कमी है, लाखों कमा रहे हैं, फिर भी गॉव में ही रह रहे हैं, कहॉ ले जायेगें कमाई को। मैं नहीं सुन सकती अब लोगों के तानों को। ताजवर भी अपनी पत्नी और बच्चों के उलाहने से परेशान होकर आखिर में अपनी पूरे जीवन की जमा पूॅजी से देहरादून के तुनवाला में मकान बना लिया। अब बस पेंशन ही मात्र सहारा थी, यह सोचते सोचते ताजवर को नींद आ गयी।
   सुबह अलॉर्म बजा और ताजवर बेमन से उठा और फिर विद्यालय जाने की तैयारी करने लगा। 05 बजे ड्राईवर रायपुर चौक पर लेने आ जायेगा जरा देर हो जायेगी तो बाकि अध्यापक कहने लगेगें कि ताजवर नेगी जी की वजह से आज देर हो जायेगी। रोज के तीन घंटे सुबह के और शाम के भी तीन घंटे तो सफर में निकल जाते।  बुढापे में जहॉ घर के पास नौकरी होनी चाहिए थी आज सुबह सुबह भागना पड़ रहा है।  इसी भागा दौड़ी में दो साल निकल गये, और सेवा निवृत्ति के छह माह रह गये तो कुछ समय मेडिकल में निकाल दिये और कुछ समय छुट्टियों में निकल गये। समय में ठहराव कहॉ होता है, वह तो मुठ्ठी में रखे रेत के समान निकलता है।
   वहीं रेणुका शुरू शुरू में तो देहरादून की आवोहवा अच्छी लगी लेकिन उसके बाद दिन भर अकेले घर में बैठे बैठे बोर होने लगी, पास पड़ोसियों को देखकर और रिश्तेदार क्या कहेंगे यह सोचकर घर में झाड़ू पोछा और बर्तन धोने के लिए एक कामवाली भी रख दी, अब दिन भर टीवी और फोन पर व्यस्त, अब हाथ पैरों में दर्द, शुगर अलग बढ गया, जब तक गॉव में थी छींक तक नहीं आई थी, वहॉ तो फुर्सत ही नहीं थी, बुखार भी आया होगा तो लेटने का समय कहॉ मिलता, काम में ही पसीना हो जाता तो बुखार उतर जाता। अब देहरादून वाला घर उसको जेल लगने लगा, बाहर भी निकले तो किसके साथ, पडौ़स में हर कोई मतलब की बात करते।
   गॉव में तो किसी के घर के ऑगन में चले जाओगे तो दो चार आदमी मिल ही जाते एक दूसरे की सुन ली अपनी लगा ली, यहॉ तो अपनी मन की बात करें भी तो किससे करें। सुबह अखबारों में खबरें आती कि देहरादून और अन्य शहरों में बूढे दम्पत्ति को बंधक बनाकर लूटा। यहॉ तो अब मजबूरी हो गयी थी रहने। छोटा बेटा अजय कहता कि आप भी हमारे साथ बैंग्लूरू चलो वहीं रहो, बेटों कहने पर तो देहरादून में आलीशान मकान बनाया, जिस पर पूरी जमा पूॅजी लग गई, अब उसे छोड़कर जायें भी तो कहॉं।
    ताजवर और रेणूका दो दिन के लिए गॉव पूजा में गये तो, जाने से पहले बेटे के कहने पर घर मेंं सीसीटीवी लगवा दिया, ताकि निगरानी में घर रहे।  गॉव जाकर अपने पराये मिले, और उनके साथ खूब बातें की। गॉव में उनकी उम्र के लोग जो कि अब साठ पार हो चुके थे, वह शाम को एक जगह पर कठ्ठे हो जाते और फिर कुछ देर के लिए हॅस खेल लेते। किसी के घुटने में दर्द, किसी हाथ पैरों में सुन्न होने की समस्या तो थी लेकिन वह अपने काम में इतने व्यस्त रहते कि अपना दुख भूल जाते। वह कहते कि यहॉ तो सब छोड़कर चले गये हैं, गॉव खाली हो गये हैं, यह सुनकर रेणुका कहती कि यह मत समझो कि यहीं पलायन हुआ है, इससे ज्यादा पलायन तो शहरों में हुआ है, वहॉ भी तो हम जैसे ही दो दो बूढे बूढे पती पत्नी घर में रह रहे हैं।  
    वहीं ताजवर भी कहता कि जिन घरों में अभी बच्चे हैं भी वह भी अपने अपने कमरों में मोबाईल फोन के साथ कैद हो रखे हैं, परिवार के लोग कभी एक साथ नजर नहीं आते, सब अपनी जिंदगी में मस्त हैं, किसी के सुख दुख से किसी को मतलब नहीं है, अगल बगल में यदि कोई मर भी जाय तो फोन के स्टेटस पर पता चलता है कि ऐसी कोई बात हो गयी है।  दोनों दो दिन गॉव में रहे काफी अच्छा लगा, अगले दिन देहरादून आ गये, क्योंकि देहरादून में बने मकान की चिंता हो रही थी। मोह माया से देहरादून के घर से जुड़े थे किंतु यादें तो गॉव के घर में ही थी। अब तो मजबूरी थी देहरादून में रहने की, क्योंकि वहॉ पर पूरे जीवन की कमाई जो लगी थी। बेटे तो देहरादून का मकान बेचने की बात कर रहे थे, किंतु अब ताजवर बुढापे में और अधिक धक्का नहीं खाना चाहता था इसलिए बेटों से कहा कि जब हम इस दुनिया से चले जायेगें तुम्हारी सम्पत्ति है जो तुम्हें कर लेना बेटा, बस हमें कुछ दिन यहॉ रहने दो।
    ताजवर और रेणुका अब देहरादून की कोठी में अपना घर कम और चौकीदार बनकर रह रहे थे, क्योंकि जवानी तो गॉव के घर में ही बीती थी यादें तो वहीं बसी हुई थी, किंतु यहॉ पर जीवन गुजारना उनकी मजबूरी थी। ताजवर और रेणुका के जैसे अनेकों दम्पत्ति जब  मिलते तो उनके मन की यही टीस अक्सर निकल जाती, लेकिन अब कर भी क्या सकते थे, लिए गये निर्णयों को बदलना मुश्किल था, क्योंकि अब हालात और स्थिति अब उनके अनुकूल नहीं थी बस जैसा चल रहा था वैसे ही उनको चलना था, घुटघुट कर जीना नियती बन चुकी हैं।
   हरीश कण्डवाल मनखी कलम से।
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पैतृक भूमि का सौदा

8 सितम्बर 2021
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<figure><img height="auto" src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/613840e01b261a4f85

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कमबख्त कम्बल

8 सितम्बर 2021
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<figure><img height="auto" src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/613840e01b261a4f85

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शिक्षक बना बाबू

8 सितम्बर 2021
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<p><br></p> <p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/613840e0

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सीढ़ी

9 सितम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr">उतार चढ़ाव सी भरी जिंदगी<br> कर ले ईश्वर की हम बन्दगी<br> दो दिन है खु

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हम तुम्हें अपना मान बैठे।

9 सितम्बर 2021
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<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/613840e01b261a4f85c9

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ऑन लाईन क्लास

10 सितम्बर 2021
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<p>सुबह जल्दी उठकर सोनम ने राज के साथ योगा और फिर चाय साथ में पीते हुए कहा कि लगता है कि इस महीने का

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बॅटवारा

10 सितम्बर 2021
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<div><br></div><div> </div><div> महेश स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया से सहायक महाप्रबं

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जीवन का सुख

11 सितम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr"> अरे अभागन तूने तो जन्म लेते ही अपनी माँ को खा दिया था, त

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मशगूल 

12 सितम्बर 2021
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<div> </div><div><br></div><div>वो अपनी दुनिया में मशगूल हो गए</div><div>उनकी एक झलक देख

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डार्विन का विकासवादी सिद्धांत बनाम सनातन धर्म के दशावतार।

12 सितम्बर 2021
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<div> </div><div>कुमुद ने बीएससी बायोलॉजी से की थी उसके बाद उसकी शादी हो गई कुमुद का पति

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"फलक"

12 सितम्बर 2021
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<div><br></div><div><br></div><div><b>(पति पत्नी से )</b></div><div><br></div><div>चलो कुछ पल साथ बि

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सपनों की वो सड़क

14 सितम्बर 2021
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<div><br></div><div><span style="font-size: 1em;">अरे बेटा उठ जा जल्दी तुझे जाना भी है, अपने काम पर

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 उम्मीद 

15 सितम्बर 2021
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<div> उम्मीद </div><div><br></div><div>नरेश और महेश बृजेश तीनो परम् मित्र थे,

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गर्दभ समाज के सुर लय ताल में छेड़छाड़ करने पर आपत्ति

16 सितम्बर 2021
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<div><img style="background: gray;" src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/613840e01

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भूतों का घर 

17 सितम्बर 2021
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<div> </div><div><span style="white-space:pre"> </span>रोशन अपने ऑफिस में लैपटॉप पर कम्पनी को म

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पतझड़ की आहट

18 सितम्बर 2021
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<div> <span style="font-size: 1em;">भास्कर रेलवे में क्लर्क के पद से सेवानिवृत्त होकर देहरादून

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बदलेंगे जहॉ

20 सितम्बर 2021
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<figure><img height="auto" src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/613840e01b261a4f85

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बेटी की सीख

23 सितम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr"><i><b><u>बेटी की </u></b></i><i><b><u>सीख</u></b></i><i><b><u>( </u><

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बेटियों की सीख ( भाग - 2)

24 सितम्बर 2021
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<div><b> (दूसरा दृश्य )<

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रोटी की जुगत

28 सितम्बर 2021
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<div> </div><div>सुमेश दिल्ली में एक प्रतिष्ठित कंपनी में काम करता था। लॉकडाउन के दौरान सब घर प

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कुछ दिन तो बिताओ मेरे ससुराल में

30 सितम्बर 2021
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<div> विकास नहा कर बाथरूम से बाहर निकला देखा तो फोन पर दो मिस कॉल आई थी उसने चेक किया तो

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यँहा कौन रहता है।

1 अक्टूबर 2021
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<div> <span style="font-size: 1em;">अनूप अपने गाँव बहुत सालों बाद गया, वँहा जाकर उसने देख

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मंगलू-का-संघर्ष-(-भाग--1)------

3 अक्टूबर 2021
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<div><br></div><div><u> </u></div><div><u> मंगलू रोज की तरह जल्दी उठकर 15 लीट

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मंगलू का संघर्ष ( भाग- 2)

4 अक्टूबर 2021
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<div><br></div><div> मंगलू ऋषिकेश बस अड्डे पर बैठा हुआ है, दिल्ली, सहारनपुर, रूड़की, जाने वाली च

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मंगलू का संघर्ष (भाग 3)

6 अक्टूबर 2021
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<div><br></div><div> मंगलू इधर विधायक जी का इंतजार कर रहा है, उधर घर में दर्शनी ने

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स्कूल का पहला दिन

11 अक्टूबर 2021
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<div> <span style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: sans-serif; font-size: 12.8px;"> राजन

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मेहंदी

18 अक्टूबर 2021
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<div> </div><div> बलवंत अपनी नौकरी से शाम को घर आया तो उसके लिए गॉव से साली के बेटे

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मेहंदी

21 अक्टूबर 2021
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<div> मेंहदी (भाग -2)</div><div><br></div><div> इधर दूसरे कक्ष में दूल्हे को

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दीवाली का गिफ्ट

1 नवम्बर 2021
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<div> <img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/613840e01b261a4f85c9d58

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दादी की सीख

1 दिसम्बर 2021
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<br style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: Calibri, &quot;sans-serif&quot;; font-size: 14.6667px;"

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अटूट बंधन

8 दिसम्बर 2021
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<div> सीडीएस श्री बिपिन रावत को सपत्नीक सभी सैन्य कर्मियों को भाव भीनी श्रद्धांजलि।</div><div><

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फूफा जी

25 दिसम्बर 2021
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<div> जब तक फूफा जी ससुराल के अकेले जवाई और जीजा जी थे तब तक तो उनकी खातिरदारी और रूठना चलता रह

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एक नई शुरूवात

5 जनवरी 2022
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नवीन के पापा शहर के मंत्री नये नये निर्वाचत हुये, नवीन कॉलेज जाता था, वहॉ वह भी छात्र राजनीति में सक्रिय रहता। पापा के मंत्रीबनते ही उसके रंग और ढंग बदल गये, अब वह कॉलेज का जाना माना चेहर

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अदरक वाली चाय

7 जनवरी 2022
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रौनक शिवम और अनु तीनों एक कोचिंग सेण्टर में कोचिंग ले रहे हैं, तीनों के पिताजी अच्छी पोस्ट पर हैं। रौनक अच्छे परिवार से है, े पिताजी सरकारी विभाग में उच्च पद पर हैं, वहीं शिवम के पिताजी एक बिजने

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सपनों की वो सड़क

9 जनवरी 2022
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सपनों की वो सड़कअरे बेटा उठ जा जल्दी तुझे जाना भी है, अपने काम पर म कहते हुए राजन की मॉ ने राजन को उठाया। बेटा जल्दी कर पहली गाड़ी आठ बजे निकल जाती है। देर हो जायेगी तुझे, यह आवाज रंजन की कानों मे

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फजीतू ( पार्टी कार्यकर्ता) की मनोदशा।

18 जनवरी 2022
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फजीतू पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता है, पार्टी के हर कार्यक्रम में उसकी उपस्थिति रहती है, फजीतू को क्षेत्र का विधायक से लेकर सांसद तक उसके नाम से जानते हैं, फजीतू की उम्र लगभग 50 साल है, छात्र जीवन से

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फजीतू ( पार्टी कार्यकर्ता)

18 जनवरी 2022
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फजीतू पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता है, पार्टी के हर कार्यक्रम में उसकी उपस्थिति रहती है, फजीतू को क्षेत्र का विधायक से लेकर सांसद तक उसके नाम से जानते हैं, फजीतू की उम्र लगभग 50 साल है, छात्र जी

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फजीतू ( पार्टी कार्यकर्ता)

18 जनवरी 2022
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<div><u> </u><span style="color: rgb(34, 34, 34); font-family: -apple-system, &quot;.SFNSText-Regular&quot;, &quot;San Francisco&quot;, Roboto, &quot;Segoe UI&quot;, &quot;Helvetica Neue&quot;, &

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फजीतू

18 जनवरी 2022
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फजीतू पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता है, पार्टी के हर कार्यक्रम में उसकी उपस्थिति रहती है, फजीतू को क्षेत्र का विधायक से लेकर सांसद तक उसके नाम से जानते हैं, फजीतू की उम्र लगभग 50 साल है, छात्र जीवन से

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फजीतू

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फजीतू पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता है, पार्टी के हर कार्यक्रम में उसकी उपस्थिति रहती है, फजीतू को क्षेत्र का विधायक से लेकर सांसद तक उसके नाम से जानते हैं, फजीतू की उम्र लगभग 50 साल है, छात्र जीवन से

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पुदिनहरा (लघु कहानी) 

1 मार्च 2022
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सुनैना और सुयश की शादी को लगभग 6 साल हो गए, उनके दो बच्चे हैं। अब बच्चे बात करने के माध्यम बन गए है। बड़ी बेटी रूही जो लगभग 5 साल कि है, और छोटा बेटा लगभग 8 महीने का। घर मे जब से बच्च

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आदर ( अंतरार्ष्ट्रीय महिला दिवस विशेषांक)

8 मार्च 2022
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रीता ने अमन के सिर से रजाई उठाते हुए कहा कि अजी सुनते हो 07 बज गये हैं, फिर मत कहना कि जल्दी जल्दी नाश्ता तैयार करो, मुझे ऑफिस के लिए देर हो रही है। यह कहते हुए रीता बाथरूम में जाकर ं कपड़े

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काश एक बार गया होता

27 मई 2022
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काश कि एक बार गया होता। मेघा ने रोहन के बैग में टिपिन रखते हुए कहा कि बच्चो की समर वेकेशन हो गयी है, बहुत दिन से आउटिंग भी नही हुई है, पड़ोसी रीना दीदी पूरे परिवार के साथ साउथ इंडिया घूमने ज

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कलयुगी दैत्य विवाह

4 जून 2022
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कलयुगी विवाहराजू भाई जरा टेंट इस वाले खेत में लगा दो और हाॅ काॅकटेल के लिए 8 मेज ईधर लगा देना। ईधर खाना बनाने वाले के लिए बोल दिया कि शाम के लिए मटर पनीर, मिक्स वेज, दाल मखनी सब बना देना, और&nbs

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अपनापन

20 जून 2022
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सौरभ स्कूल से लौट रहा था रास्ते में एक कुत्ता का बच्चा अपनी मॉ से बिछुड़ गया था और कूं कूं की आवाज कर खोजने की कोशिश में लगा हुआ था। सौरभ ने कुत्ते के बच्चे को गोद में उठाया और उस पर

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अनकही मोहब्बत

29 जून 2022
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सुबह के 7:00 बज रहे थे स्कूल में प्रार्थना सभा हो रही थी अजय अपनी लाइन के आगे वाली लाइन मैं किसी को ढूंढ रहा था लेकिन उसे नजर नहीं आ रहा था मन कुछ उद्वेलित था, सामने गुरुजी खड़े थे तो नजरें इधर

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अनकही मोहब्बत भाग 2

8 जुलाई 2022
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अनकही मोहब्बत भाग 2 इधर अजय ने नया साल का ग्रीटिंग कार्ड पोस्ट कर दिया है। डाकिया 4 दिन बाद मानसी के गाँव के किसी व्यक्ति के पास दे देता है। गाँव का व्यक्ति मानसी का&nbsp

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सावन की खीर

18 जुलाई 2022
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सावन की खीर सावन की झमाझम बारिश लगी हुई है, मंडुये के खेत मे भगतू ने हल लगा दिया है, भगतू की पत्नी रज्जू ने घने मंडुये की पौध को एक तरफ निकाल दी है। शाम को दूसरे खेत मे मंडुये की पौध

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छाँव

21 दिसम्बर 2022
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*छांव* ​ वर्क फ्रॉम होम होने के कारण अंकुर अपना व्यस्त शेडयूल में से कुछ समय परिवार के लिए निकाल लेता है। अंकुर ने सोचा कि चलो इस बार गॉव से माताजी और बाबू जी को साथ ले आता हॅू, कुछ दिन उनके छॉव

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दिखावा

14 मार्च 2023
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मदनलाल : अजी सुनती हो तुमने मेहमानों की लिस्ट बना दी है, मेरे ही अकेले 1000 से अधिक क्लाइंट और परिचित वकील है। उसी हिसाब से हम वेडिंग पवाइंट बुक करेंगे और मेन्यु का हिसाब करेंगे। शहर में स

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साझा घर

28 मार्च 2023
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विमल पूरे देश विदेश घूमने के बाद वह जब पहली बार अपने गाँव आया तो उसे लगा की उसने गाँव आने में देरी कर दी, उसका गांव अब सड़क से जुड़ चुका है, सभी सुविधाएं जो गाँव मे होंनी चाहिए वह है, दो दिन

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साझा घर

28 मार्च 2023
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विमल पूरे देश विदेश घूमने के बाद वह जब पहली बार अपने गाँव आया तो उसे लगा की उसने गाँव आने में देरी कर दी, उसका गांव अब सड़क से जुड़ चुका है, सभी सुविधाएं जो गाँव मे होंनी चाहिए वह है, दो दिन

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होली मिलन

1 अप्रैल 2023
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बबलू और सोनू पड़ोसी हैँ, घर की एक फ़ीट चारदीवारी क़ो लेकर हुए विवाद ने उनकी मित्रता क़ो कोर्ट में लाकर खड़ा कर दिया। समाज में कहावत हैँ की जमीन जेवर और सम्पत

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पैंछु ( उधार)  ( आँचलिक कहानी )

7 अप्रैल 2023
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हे जी ( उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में बहु द्वारा ससुराल में अपने से बड़ो को बोले जाने वाला सम्मानित सम्बोधन) द्वी माण ( एक किलो) गहथ उधार दे दो। हमने बीज के लिए सुरक्षित स

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अधजली. बीड़ी

9 अप्रैल 2023
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अरे वो राजू देख पत्थर के नीचे अधजली बीड़ी का टुकड़ा और माचिस होगी, एक दो तीलिया कागज पर लपेट कर रखी हैं, जरा इधर तो पकड़ा, यह कहकर उसके दोस्त प्रदीप ने स्कूल का बस्ता एक किनारे रखा, और एक बड़े पत्थर

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वक्त की लाठी

26 अप्रैल 2023
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कल शाम को देर से लौटा तो श्रीमती जी ने कहा कि आपको फोन किया था कि सुबह नाश्ते और ऑफिस के लिए सब्जी ले आना, लाये हो तो इधर धोने के लिए रख दो। हमने कहा कि आज हम दूसरे रास्ते से आये है, इसलिए सब्जी नही ल

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अब क्या करू।

26 अप्रैल 2023
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घड़ी का एलॉर्म बजते ही अंकुर ने दो बार बंद किया और फिर सो गया, उधर सुनीता ने अपनी यथावत दिनचर्या के अनुसार घर का झाडू पोछा, और नाश्ता की तैयारी कर ली है । लॉकडाउन ने सुनीता को ज्यादा व्यस्त कर दिया है,

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और दोनों हॅस दिये (लघु कहानी)

25 मई 2023
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रोहित अपनी भाभी के साथ उनकी किसी रिश्तेदारी में शादी में गया था। वहॉ उसकी मुलाकात उसकी भाभी ने अपनी मौसेरी बहिन मेघा से करवायी। मेघा और रोहित एक दूसरे से मिले ही नहीं बल्की रात का डिनर भी साथ ही किय

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और दोनों हॅस दिये (लघु कहानी)

26 मई 2023
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रोहित अपनी भाभी के साथ उनकी किसी रिश्तेदारी में शादी में गया था। वहॉ उसकी मुलाकात उसकी भाभी ने अपनी मौसेरी बहिन मेघा से करवायी। मेघा और रोहित एक दूसरे से मिले ही नहीं बल्की रात का डिनर भी साथ ही किया

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बातूनी बिल्ली

26 मई 2023
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नोट: यह लेखक की कल्पना मात्र है। अक्सर एक बिल्ली हमारे घर के आस पास घूमती रहती है, कभी वह खिड़की से दीवार को फांदती है, कभी बाउंड्री में बैठकर मूछे मटकाती नजर आती है, बस सुबह शाम म्या

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नानी का घर

19 जून 2023
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बेटा बच्चों की गर्मियों की छुट्टियॉ हो जायेगी तो सब लोग आ जाना, यह सब बातें नंदिता अपने तीनों बेटियों और दोनों बेटों को कहती है। नंदिता और उनका पति देवेन्द्र अकेले घर में रहते हैं, उन्हें

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पैत्रिक भूमि का सौदा 

22 जुलाई 2023
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रमन के पिताजी बचपन में ही अपने चाचा जी के साथ मुंबई आ गये थे, उसके बाद वह मुबई के होकर रह गये। रमन ने जब भी गॉव जाने की बात कही तो उसके पिताजी हमेशा यह कहकर टाल देते कि वहॉ तो

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कमबख्त कम्बल

11 अगस्त 2023
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कमबख्त कम्बल ने रात भर सोने नही दिया,मैंने पूछा कि भाई परेशान क्यो हो, मुझे भी सोने दो। कम्बल ने कहा कि बस गर्मी क्या आ गयी तुम मुझे भूल ही गए हो। मैंने कहा नही दोस्त तुमको कैसे भूल

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अनमोल तोहफा

18 अगस्त 2023
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अविनाश ने जैसे ही फेसबुक खोला तो उसको नमिता की फ्रेंड रिक्वेस्ट आयी हुई थी, पहले तो गौर नही किया, सरसरी निगाह से अपडेट देखी और बन्द करके अपने ऑफिस के काम मे व्यस्त हो गया। शाम को जैसे ही फुर्सत

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बेल /लता

20 अगस्त 2023
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मैं एक बेल हूँ जो अक्सर पेड़ो पर लहराती हूँमैने बेल से पूछा कि तुम्हे कौन लपेटता है तुम्हारे हाथ तो है नही।तुम्हे रास्ता कौन बताता है तुम्हारे आंख तो है ही नही । तुम्हे कैसे पता कि तुमने जिसका सह

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मूल निवास

23 अगस्त 2023
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गज्जू 12वीं पास करने के बाद पंजाब अपने मामा के साथ नौकरी की तलाश में चला गया था, कुछ दिन तक घर में ही रहा उसके बाद वहीं उसको एक ढाबे में नौकरी मिल गयी। शुरू में ढाबे

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ओढ़

28 अक्टूबर 2023
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हल लगाते हुए भगतू के बैल ओढ को पार करते हुए दूसरे भाई जगतू के खेत में घुस गये, इतने में जगतू की पत्नी विमला ने यह सब देख लिया, और उसने बिना जाने ही गाली देनी शुरू कर दी। हल्ला और गाली सुनकर जगतू

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हिट एंड रन क़ानून

3 जनवरी 2024
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हाल ही में लोकसभा में पारित भारतीय दण्ड सिंहंता का नाम बदलकर भारतीय न्याय संहिता रखा गया है, जिसमें कुछ कानूनों के प्रावधान बदले गये हैं, जिसमें से एक कानून हिट एण्ड रन है। भारतीय दंड सहिंता के सैक्शन

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अहमियत

9 जनवरी 2024
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दीया ने अजय को फ़ोन कर कहा कि शाम को आते हुये सब्जी लेते आना, सुबह के लिये नाश्ते के लिये कुछ नही है, अजय ने इस सबका उत्तर हम्म करके दिया और फ़ोन काट दिया। अजय की ऑफिस से छुट्टी के बाद घर आत

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मानसिक पलायन

17 फरवरी 2024
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मानसिक पलायन गरीबी और लाचारी ने तो परिवार को पहले से ही दबा रखा था ,इधर भाईयों और 02 बहिनों की पढायी के बोझ को देखते हुए नौकरी करने सतीष 12 वीं के बाद अपने मामा के साथ म

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भिटोली

28 मार्च 2024
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भिटोली रोहित दो दिन की छुट्टी ले लो, रेनू ने टिपिन पैक करते हुए कहा, रोहित यार अभी तो मार्च फाईनल चल रहा है, और फिर महीने की शुरूवात में बॉस नये टारगेट दे देते

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बुढ़ापे कि पीड़ा

7 मई 2024
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ताजवर ने रात को सुबह 4 बजे का अलार्म लगाकर अपनी पत्नी रेणूका को कहा कि तुम भी अलार्म लगा दो कहीं मैं उसे यह कहकर बंद ना कर दूं कि 10 मिनट बाद उठ जाउॅगा। रेणूका ने भी अलार्म लगा दिया। ताजवर

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