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भूतो का घर

14 अक्टूबर 2024

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 रोशन अपने ऑफिस में लैपटॉप पर कम्पनी को मेल कर रहा था तब तक मोबाईल पर रिंग टोन बजी उसने स्पीकर खोला तो सामने गाँव के चाचा जी का फोन था। चाचाजी ने बताया कि उसके पिताजी का स्वास्थ्य ज्यादा खराब है, अतः जल्दी आकर उन्हें अपने साथ ले जाये तो कुछ बात बन सकती है। रोशन ने यह सुनते ही घर जाने का फैसला कर लिया। कंपनी में अपने बॉस से जल्दी जाने की अनुमति ली और घर में अपनी पत्नी शालू को फोन किया कि वह जल्दी घर आ रहा है, क्योंकि उसको गाँव पिताजी को लेने जाना है, उनकी तबीयत ज्यादा खराब है। तुम बैग तैयार रखना। शालू ने फटाफट एक जोड़ी कपड़े और ब्रश आदि सामान रखकर बैग तैयार कर लिया। रोशन घर आया और गाड़ी लेकर गाँव की ओर निकल पड़ा। रोशन का गाँव सड़क से लगभग एक किलोमीटर दूर था, उसने सोचा कि यदि रात हो भी जायेगी तो वह पहुँच ही जायेगा, क्योंकि जन्मभूमि का रास्ता है आड़े तिरछा ही सही लेकिन उसके लिए तो वह पगडंडी हमेंशा सड़क की तरह हैं। यह सोचते सोचते वह कार ड्राईव करता हुआ चलता जा रहा था। 



कोटद्वार से आगे दुगड्डा पहुँचते ही उसको झुरमुट अंधेरा होने लगा, कार की लाईट खोल दी, मन में कुछ बेचैनी सी हो रही थी, जैसे जैसे रात बढ़ती गयी बेचैनी भी बढ़ती चली गयी। जब तक नेशनल हाईवे पर था तब तक तो गाड़ी आती जाती रही, लेकिन जैसे ही गाँव की कच्ची सड़क पर आया और आगे बढ़ने लगा, कच्ची सड़क पर गाड़ी की स्पीड भी तेज नहीं कर सकता था। रास्ते पर जाते ही नदी आ गयी, वह नदी उनके पैतृक घाट थी, बचपन में यहाँ बहुत सारे भूतों के किस्से सुने थे, एक-एक करके किस्से याद आने लगे, अब रोशन का गला भी सूखने लगा, कार में रखी पानी की बोतल भी खत्म हो चुकी थी, नदी में साफ पानी बह रहा था लेकिन डर के मारे नीचे उतरने की हिम्मत नहीं हो रही थी। जैसे तैसे करके दो किलोमीटर का रास्ता काटना था। कुछ देर आगे गाड़ी बढ़ी लेकिन अचानक ही गाड़ी बंद हो गयी, रोशन ने गाड़ी को स्टार्ट करने की कोशिश की लेकिन गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई, अब बीच जंगल में नदी के किनारे जहां सिर्फ घुप्प अंधेरा, जंगली जानवरों का डर अलग, और बहते हुए पानी की कल कल की धुन तो चमकती जुगनू की रोशनी कभी सहारा देती तो कभी डरा देती। गाड़ी में बैठे बैठे रोशन का हलक सूखने लगा। 



रोशन ने अंदर ही हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ा और हिम्मत करके आगे गाड़ी खोली तो देखा कि बैटरी कि चिमटी निकली हुई थी, मोबाइल की रोशनी से उसे लगाया और फिर गाड़ी स्टार्ट की। गाड़ी स्टार्ट होते ही मानो उसके प्राण वापस लौट आये हों। गाड़ी चलाते चलाते वह कभी पीछे देखता तो कभी दायेंं बायें, लेकिन सिर्फ हवा में लहराती शाखायें दिख रही थी। आगे लाईट देखी तो सामने किसी जानवर की आँखें चमक गयी, कुछ देर गाड़ी करके उसने लाईट जानवर की आँख पर मारी और हार्न दिया तो वह जानवर सड़क पार करके निकल गया। 



रोशन अपने गाँव के नजदीक आ गया। गाड़ी खड़ी की और बैग निकालकर आगे बढ़ने लगा, जैसे ही आगे बढ़ा झाड़ी में कुछ आवाज हुई उसने सोचा जंगली जानवर होगे, वह रास्ते की ओर चलने लगा तब तक पीछे ऐसे लगा मानो किसी ने पत्थर फेंका हो आवाज आयी धपाक, रोशन ने लाईट मारी तो कुछ नजर नहीं आया, अब मन में डर के भयावह भाव आने लगे, अब तो छोटी सी झाड़ी या पेड़ भी भयावह शक्ल का आकार लेने लगा, रोशन को अब लगने लगा कि जरूर कोई भूत है, अब डरता है तो आगे कैसे बढ़े यहीं रूकता है तो फिर तो जान जोखिम में है। 



रोशन ने आगे कदम रखने शुरू किया तब सांय सांय की आवाज और किसी के रोने की आवाज सुनायी दी, अब तो रोशन की हिम्मत जवाब देने लगी, मोबाइल की रोशनी चमकायी तो कुछ गीदड़ सामने से निकले, और तब पता चला कि यह रोने की आवाज इनकी ही थी। हिम्मत बढ़ी आगे आम का पेड़ था, उसके नीचे से गुजर रहा था तो ऐसे लगा कि जैसे कोई बीमारी में आवाज निकालता है जिसे कणाना कहते है, ऐसी आवाज आने लगी, अब आम के पेड़ के नीचे और डर लगने लगी, लेकिन रोशन ने हिम्मत की और आगे बढ़ गया। इधर कुछ दूर जाने पर गाँव के खेत लग गये, दूर खेत में कहीं हल्की सी आग जल रही थी, उसने सोचा कि कोई खेत में रखवाली करने आया होगा उसने आग जलाई होगी, वह आगे बढ़ता गया। 



गाँव में पहुँचते ही जान में जान आयी, और वह अपने मकान की ओर बढ़ने लगा, अंदर एक लाईट जल रही थी, गाँव के सब लोग सो चुके थे। घर पहुँचकर उसने दरवाजा खोला और बैग कमरे में रखकर दूसरे कमरे में गया जहां उसके पिताजी सोते थे। उसने पिताजी को आवाज दी लेकिन कोई जवाब नहीं मिला अब उसे डर लग गया कि पिताजी आवाज क्यों नहीं दे रहे हैं, वह गया तो बिस्तर पर कोई नहीं था, वह अवाक रह गया। आखिर पिताजी गये तो कहाँ , गाँव में दो बुजुर्ग दम्पती और रहते हैं, तो वह उनके घर गया, उनका भी दरवाजा खटखटाया तो वहाँ भी कोई नहीं था, अब रोशन परेशान हो गया। वह वापिस आया और उसी कमरे में चला गया, हाथ मुंह धोने के लिए आगे बढ़ा तो रसोई पूरी खाली थी वहाँ कोई बर्तन तक नहीं था, रोशन को लगा कि यह हो क्या रहा है, दो चार लाईट और खोलने का प्रयास किया कि तब तक आँधी आयी और पूरी जगह की लाईट चली गयी, इधर मोबाइल भी बंद हो गया क्योंकि बैटरी खत्म हो चुकी थी। 



  अब रात के 11 बज चुके थे रोशन जाता भी तो कहाँ , वह उस कमरे में नीचे ही लेट गया। थकान के कारण नींद जल्दी आ गयी, लेकिन आधी रात को मकान की छत पर ऐसा लगा मानो कोई कूद रहा हो, कभी दरवाजे पर खट खट की आवाज तो कभी कमरों में किसी चीज की सरकने का अहसास। बाहर जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी, बाहर भी किसी के चलने की आवाज पूरा डरावना माहौल, कभी लगता कि कोई बात कर रहा है तो कभी लगता कि कोई हँस रहा है, यह सब देखकर उसके पसीने पसीने हो गये। रात भर नींद कहाँ से आनी थी, जायें भी तो कहाँ अब कोई रास्ता भी नहीं सूझ रहा था। फोन भी बंद था किसी को फोन ही कर देता, आज कैसी मुसीबत में फंस गया हूँ जान आफत में आ गयी, पिताजी भी गये तो कहाँ जिन चाचा जी ने फोन किया था वह भी घर में नहीं है, आखिर यह सब क्या हो रहा है मेरे साथ। जैसे ही खुद को हिम्मत दिलाता तब तक बगल वाले घर के ऊपर किसी के कूदने की आवाज आ जाती, वह जोर जोर से हनुमान चालीसा पढ़ने लगता। गाँव के पटाल वाले मकान से जरा सा भी मिट्टी झड़ जाये तो आवाज आती है, ऐसे ही बगल में जोर से कुछ गिरा, अब लगा कि यह कोई साँप तो नहीं अब तो कल का दिन देखना भी नसीब नहीं होगा यह सोचने लगा।



 उसके बाद उसके पास कोई एक साया आया और उसके सिर पर हाथ रखकर बोला कि बेटा तुम आ गये, वह उसकी मॉ थी बेटा हम कबसे तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं, कबसे तुमने हमको पानी नहीं पिलाया, बस एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं, इतने में देखा कि उसके पिताजी लाठी लेकर खड़े हैं, और कह रहे हैं कि बेटा तुझे आखिर अपने घर की याद आ गयी, बरसों से हम इस घर में तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं, हम भटक रहे हैं, हमारे चले जाने के बाद तुमने पलटकर भी नहीं देखा आज तुझे घर में देखकर हमें खुशी हो रही है, यह पूरा गाँव खाली हो चुका है, अब यहाँ हमारी आवाज सुनने वाला कोई नहीं है, हम तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं बेटा, यह सुनते ही रोशन उनको जैसे ही प्रणाम करने के लिए आगे बढ़ता है तो वह दूर चले जाते हैं, वह आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है तब तक उसे कसी ने झकझोर दिया वह हड़बड़ाकर उठ गया, सामने उसकी पत्नी शालू खड़ी थी और कह रही थी कि तुमने आज ऑफिस नहीं जाना। वह अपने को सुरक्षित देखकर आश्चर्य चकित रह गया। जब उसे अहसास हुआ कि वह हकीकत नहीं बल्कि एक सपना था। 



 उसने अपना सारा सपना अपनी पत्नी को बताया तो उसने कहा कि वास्तव में हम बरसों से घर नहीं गये और न ही हमने घर जाकर अपने पित्रों का श्राद्ध दिया, शायद लगता है कि उनकी आत्मा अभी घर में ही भटक रही है, इस बार रोशन ने श्राद्धों में घर जाकर पित्र तर्पण करने का मन बना लिया। 


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पैतृक भूमि का सौदा

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<div> <img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/613840e01b261a4f85c9d58

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<br style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: Calibri, &quot;sans-serif&quot;; font-size: 14.6667px;"

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<div> सीडीएस श्री बिपिन रावत को सपत्नीक सभी सैन्य कर्मियों को भाव भीनी श्रद्धांजलि।</div><div><

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25 दिसम्बर 2021
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एक नई शुरूवात

5 जनवरी 2022
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नवीन के पापा शहर के मंत्री नये नये निर्वाचत हुये, नवीन कॉलेज जाता था, वहॉ वह भी छात्र राजनीति में सक्रिय रहता। पापा के मंत्रीबनते ही उसके रंग और ढंग बदल गये, अब वह कॉलेज का जाना माना चेहर

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रौनक शिवम और अनु तीनों एक कोचिंग सेण्टर में कोचिंग ले रहे हैं, तीनों के पिताजी अच्छी पोस्ट पर हैं। रौनक अच्छे परिवार से है, े पिताजी सरकारी विभाग में उच्च पद पर हैं, वहीं शिवम के पिताजी एक बिजने

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सपनों की वो सड़क

9 जनवरी 2022
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सपनों की वो सड़कअरे बेटा उठ जा जल्दी तुझे जाना भी है, अपने काम पर म कहते हुए राजन की मॉ ने राजन को उठाया। बेटा जल्दी कर पहली गाड़ी आठ बजे निकल जाती है। देर हो जायेगी तुझे, यह आवाज रंजन की कानों मे

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फजीतू ( पार्टी कार्यकर्ता) की मनोदशा।

18 जनवरी 2022
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फजीतू पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता है, पार्टी के हर कार्यक्रम में उसकी उपस्थिति रहती है, फजीतू को क्षेत्र का विधायक से लेकर सांसद तक उसके नाम से जानते हैं, फजीतू की उम्र लगभग 50 साल है, छात्र जीवन से

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फजीतू ( पार्टी कार्यकर्ता)

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फजीतू ( पार्टी कार्यकर्ता)

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<div><u> </u><span style="color: rgb(34, 34, 34); font-family: -apple-system, &quot;.SFNSText-Regular&quot;, &quot;San Francisco&quot;, Roboto, &quot;Segoe UI&quot;, &quot;Helvetica Neue&quot;, &

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फजीतू

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फजीतू पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता है, पार्टी के हर कार्यक्रम में उसकी उपस्थिति रहती है, फजीतू को क्षेत्र का विधायक से लेकर सांसद तक उसके नाम से जानते हैं, फजीतू की उम्र लगभग 50 साल है, छात्र जीवन से

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पुदिनहरा (लघु कहानी) 

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सुनैना और सुयश की शादी को लगभग 6 साल हो गए, उनके दो बच्चे हैं। अब बच्चे बात करने के माध्यम बन गए है। बड़ी बेटी रूही जो लगभग 5 साल कि है, और छोटा बेटा लगभग 8 महीने का। घर मे जब से बच्च

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आदर ( अंतरार्ष्ट्रीय महिला दिवस विशेषांक)

8 मार्च 2022
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रीता ने अमन के सिर से रजाई उठाते हुए कहा कि अजी सुनते हो 07 बज गये हैं, फिर मत कहना कि जल्दी जल्दी नाश्ता तैयार करो, मुझे ऑफिस के लिए देर हो रही है। यह कहते हुए रीता बाथरूम में जाकर ं कपड़े

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काश एक बार गया होता

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काश कि एक बार गया होता। मेघा ने रोहन के बैग में टिपिन रखते हुए कहा कि बच्चो की समर वेकेशन हो गयी है, बहुत दिन से आउटिंग भी नही हुई है, पड़ोसी रीना दीदी पूरे परिवार के साथ साउथ इंडिया घूमने ज

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कलयुगी दैत्य विवाह

4 जून 2022
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कलयुगी विवाहराजू भाई जरा टेंट इस वाले खेत में लगा दो और हाॅ काॅकटेल के लिए 8 मेज ईधर लगा देना। ईधर खाना बनाने वाले के लिए बोल दिया कि शाम के लिए मटर पनीर, मिक्स वेज, दाल मखनी सब बना देना, और&nbs

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अपनापन

20 जून 2022
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सौरभ स्कूल से लौट रहा था रास्ते में एक कुत्ता का बच्चा अपनी मॉ से बिछुड़ गया था और कूं कूं की आवाज कर खोजने की कोशिश में लगा हुआ था। सौरभ ने कुत्ते के बच्चे को गोद में उठाया और उस पर

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अनकही मोहब्बत

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सुबह के 7:00 बज रहे थे स्कूल में प्रार्थना सभा हो रही थी अजय अपनी लाइन के आगे वाली लाइन मैं किसी को ढूंढ रहा था लेकिन उसे नजर नहीं आ रहा था मन कुछ उद्वेलित था, सामने गुरुजी खड़े थे तो नजरें इधर

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अनकही मोहब्बत भाग 2

8 जुलाई 2022
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अनकही मोहब्बत भाग 2 इधर अजय ने नया साल का ग्रीटिंग कार्ड पोस्ट कर दिया है। डाकिया 4 दिन बाद मानसी के गाँव के किसी व्यक्ति के पास दे देता है। गाँव का व्यक्ति मानसी का&nbsp

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सावन की खीर

18 जुलाई 2022
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सावन की खीर सावन की झमाझम बारिश लगी हुई है, मंडुये के खेत मे भगतू ने हल लगा दिया है, भगतू की पत्नी रज्जू ने घने मंडुये की पौध को एक तरफ निकाल दी है। शाम को दूसरे खेत मे मंडुये की पौध

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छाँव

21 दिसम्बर 2022
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*छांव* ​ वर्क फ्रॉम होम होने के कारण अंकुर अपना व्यस्त शेडयूल में से कुछ समय परिवार के लिए निकाल लेता है। अंकुर ने सोचा कि चलो इस बार गॉव से माताजी और बाबू जी को साथ ले आता हॅू, कुछ दिन उनके छॉव

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दिखावा

14 मार्च 2023
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मदनलाल : अजी सुनती हो तुमने मेहमानों की लिस्ट बना दी है, मेरे ही अकेले 1000 से अधिक क्लाइंट और परिचित वकील है। उसी हिसाब से हम वेडिंग पवाइंट बुक करेंगे और मेन्यु का हिसाब करेंगे। शहर में स

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साझा घर

28 मार्च 2023
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विमल पूरे देश विदेश घूमने के बाद वह जब पहली बार अपने गाँव आया तो उसे लगा की उसने गाँव आने में देरी कर दी, उसका गांव अब सड़क से जुड़ चुका है, सभी सुविधाएं जो गाँव मे होंनी चाहिए वह है, दो दिन

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होली मिलन

1 अप्रैल 2023
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बबलू और सोनू पड़ोसी हैँ, घर की एक फ़ीट चारदीवारी क़ो लेकर हुए विवाद ने उनकी मित्रता क़ो कोर्ट में लाकर खड़ा कर दिया। समाज में कहावत हैँ की जमीन जेवर और सम्पत

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पैंछु ( उधार)  ( आँचलिक कहानी )

7 अप्रैल 2023
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हे जी ( उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में बहु द्वारा ससुराल में अपने से बड़ो को बोले जाने वाला सम्मानित सम्बोधन) द्वी माण ( एक किलो) गहथ उधार दे दो। हमने बीज के लिए सुरक्षित स

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अधजली. बीड़ी

9 अप्रैल 2023
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अरे वो राजू देख पत्थर के नीचे अधजली बीड़ी का टुकड़ा और माचिस होगी, एक दो तीलिया कागज पर लपेट कर रखी हैं, जरा इधर तो पकड़ा, यह कहकर उसके दोस्त प्रदीप ने स्कूल का बस्ता एक किनारे रखा, और एक बड़े पत्थर

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वक्त की लाठी

26 अप्रैल 2023
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कल शाम को देर से लौटा तो श्रीमती जी ने कहा कि आपको फोन किया था कि सुबह नाश्ते और ऑफिस के लिए सब्जी ले आना, लाये हो तो इधर धोने के लिए रख दो। हमने कहा कि आज हम दूसरे रास्ते से आये है, इसलिए सब्जी नही ल

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अब क्या करू।

26 अप्रैल 2023
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घड़ी का एलॉर्म बजते ही अंकुर ने दो बार बंद किया और फिर सो गया, उधर सुनीता ने अपनी यथावत दिनचर्या के अनुसार घर का झाडू पोछा, और नाश्ता की तैयारी कर ली है । लॉकडाउन ने सुनीता को ज्यादा व्यस्त कर दिया है,

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और दोनों हॅस दिये (लघु कहानी)

25 मई 2023
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रोहित अपनी भाभी के साथ उनकी किसी रिश्तेदारी में शादी में गया था। वहॉ उसकी मुलाकात उसकी भाभी ने अपनी मौसेरी बहिन मेघा से करवायी। मेघा और रोहित एक दूसरे से मिले ही नहीं बल्की रात का डिनर भी साथ ही किय

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और दोनों हॅस दिये (लघु कहानी)

26 मई 2023
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रोहित अपनी भाभी के साथ उनकी किसी रिश्तेदारी में शादी में गया था। वहॉ उसकी मुलाकात उसकी भाभी ने अपनी मौसेरी बहिन मेघा से करवायी। मेघा और रोहित एक दूसरे से मिले ही नहीं बल्की रात का डिनर भी साथ ही किया

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बातूनी बिल्ली

26 मई 2023
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नोट: यह लेखक की कल्पना मात्र है। अक्सर एक बिल्ली हमारे घर के आस पास घूमती रहती है, कभी वह खिड़की से दीवार को फांदती है, कभी बाउंड्री में बैठकर मूछे मटकाती नजर आती है, बस सुबह शाम म्या

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नानी का घर

19 जून 2023
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बेटा बच्चों की गर्मियों की छुट्टियॉ हो जायेगी तो सब लोग आ जाना, यह सब बातें नंदिता अपने तीनों बेटियों और दोनों बेटों को कहती है। नंदिता और उनका पति देवेन्द्र अकेले घर में रहते हैं, उन्हें

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पैत्रिक भूमि का सौदा 

22 जुलाई 2023
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रमन के पिताजी बचपन में ही अपने चाचा जी के साथ मुंबई आ गये थे, उसके बाद वह मुबई के होकर रह गये। रमन ने जब भी गॉव जाने की बात कही तो उसके पिताजी हमेशा यह कहकर टाल देते कि वहॉ तो

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कमबख्त कम्बल

11 अगस्त 2023
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कमबख्त कम्बल ने रात भर सोने नही दिया,मैंने पूछा कि भाई परेशान क्यो हो, मुझे भी सोने दो। कम्बल ने कहा कि बस गर्मी क्या आ गयी तुम मुझे भूल ही गए हो। मैंने कहा नही दोस्त तुमको कैसे भूल

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अनमोल तोहफा

18 अगस्त 2023
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अविनाश ने जैसे ही फेसबुक खोला तो उसको नमिता की फ्रेंड रिक्वेस्ट आयी हुई थी, पहले तो गौर नही किया, सरसरी निगाह से अपडेट देखी और बन्द करके अपने ऑफिस के काम मे व्यस्त हो गया। शाम को जैसे ही फुर्सत

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बेल /लता

20 अगस्त 2023
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मैं एक बेल हूँ जो अक्सर पेड़ो पर लहराती हूँमैने बेल से पूछा कि तुम्हे कौन लपेटता है तुम्हारे हाथ तो है नही।तुम्हे रास्ता कौन बताता है तुम्हारे आंख तो है ही नही । तुम्हे कैसे पता कि तुमने जिसका सह

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मूल निवास

23 अगस्त 2023
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गज्जू 12वीं पास करने के बाद पंजाब अपने मामा के साथ नौकरी की तलाश में चला गया था, कुछ दिन तक घर में ही रहा उसके बाद वहीं उसको एक ढाबे में नौकरी मिल गयी। शुरू में ढाबे

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ओढ़

28 अक्टूबर 2023
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हल लगाते हुए भगतू के बैल ओढ को पार करते हुए दूसरे भाई जगतू के खेत में घुस गये, इतने में जगतू की पत्नी विमला ने यह सब देख लिया, और उसने बिना जाने ही गाली देनी शुरू कर दी। हल्ला और गाली सुनकर जगतू

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हिट एंड रन क़ानून

3 जनवरी 2024
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हाल ही में लोकसभा में पारित भारतीय दण्ड सिंहंता का नाम बदलकर भारतीय न्याय संहिता रखा गया है, जिसमें कुछ कानूनों के प्रावधान बदले गये हैं, जिसमें से एक कानून हिट एण्ड रन है। भारतीय दंड सहिंता के सैक्शन

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अहमियत

9 जनवरी 2024
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दीया ने अजय को फ़ोन कर कहा कि शाम को आते हुये सब्जी लेते आना, सुबह के लिये नाश्ते के लिये कुछ नही है, अजय ने इस सबका उत्तर हम्म करके दिया और फ़ोन काट दिया। अजय की ऑफिस से छुट्टी के बाद घर आत

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मानसिक पलायन

17 फरवरी 2024
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मानसिक पलायन गरीबी और लाचारी ने तो परिवार को पहले से ही दबा रखा था ,इधर भाईयों और 02 बहिनों की पढायी के बोझ को देखते हुए नौकरी करने सतीष 12 वीं के बाद अपने मामा के साथ म

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भिटोली

28 मार्च 2024
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भिटोली रोहित दो दिन की छुट्टी ले लो, रेनू ने टिपिन पैक करते हुए कहा, रोहित यार अभी तो मार्च फाईनल चल रहा है, और फिर महीने की शुरूवात में बॉस नये टारगेट दे देते

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बुढ़ापे कि पीड़ा

7 मई 2024
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ताजवर ने रात को सुबह 4 बजे का अलार्म लगाकर अपनी पत्नी रेणूका को कहा कि तुम भी अलार्म लगा दो कहीं मैं उसे यह कहकर बंद ना कर दूं कि 10 मिनट बाद उठ जाउॅगा। रेणूका ने भी अलार्म लगा दिया। ताजवर

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भंडारे का प्रसाद

11 जुलाई 2024
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शहर के व्यापार संगठन के अध्यक्ष किशन चंद जी के बेटे का चयन आईपीएस ऑफिसर के पद पर हो गया था। किशन चंद की पत्नी निर्मला देवी ने मंन्नत मॉगी थी कि यदि उनके बेटे का चयन हो जाता है तो वह मंदिर में ब

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भूतो का घर

14 अक्टूबर 2024
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रोशन अपने ऑफिस में लैपटॉप पर कम्पनी को मेल कर रहा था तब तक मोबाईल पर रिंग टोन बजी उसने स्पीकर खोला तो सामने गाँव के चाचा जी का फोन था। चाचाजी ने बताया कि उसके पिताजी का स्वास्थ्य ज्यादा खराब है,

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एक बार कह तो देते

17 अक्टूबर 2024
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सोनू का हाइस्कूल का आखिरी पेपर है, बहुत खुश है कि अब तो गर्मियों की छुट्टियों में मनाली मामा जी के यँहा घूमने जाना है, सारे दोस्तों में जाने का पूरा बखान कर आ गया, सोनू ने घर आकर अपनी माँ से मामा&nbsp

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राजधानी देहरादून की हृदयांगिनी रिस्पना नदी से साक्षात्कार

22 अक्टूबर 2024
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राजधानी देहरादून की हृदयांगिनी रिस्पना नदी से साक्षात्कार शाम का समय था, मैं रिस्पना पुल से अपने घर से जा रहा था, रिस्पना पुल के हरिद्वार जाते समय बायीं तरफ दे

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