मन को प्राण दो, दो इस पहलु का हल
मन को प्राण दो, दो इस पहलु का हलवीराने से मन आँगन मैं , कर दो कोलाहल नीरवता का है अँधियारा, मुक्त व्योम में लगती है कारा ( जेल)दूरी को सामान कर दो, लो अब कोई पहल. .....वीराने से मन ........चौखट खाली चौबारे खाली, चिड़िया नहीं चहकने वाली ध्वनि का आह्वान कर दो, वीराना जाये जल......वीराने से मन ......