‘संडे हो या मंडे, रोज खाओ अंडे‘ आपने यह स्लोगन अपनी जिन्दगी में कभी न कभी अवश्य सुना होगा। लेकिन आज भी बहुत से लोग अंडे से दूरी बनाते हैं। अंडा सिर्फ प्रोटीन का ही बेहतरीन स्त्रोत नहीं है, बल्कि इसमें अन्य भी कई तरह के पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, ओमेगा 3 फैटी एसिड पाए जाते हैं। इन्हीं पोषक तत्वों के का
बदलती जीवनशैली में व्यक्ति की जिस तरह की खान-पान की आदतों में बदलाव आया है, उसके कारण पाचनतंत्र कमजोर होता जा रहा है। आज के समय में अधिकतर लोग किसी न किसी पेट की समस्या से जूझ रहे हैं। इन्हीं में से एक है कब्ज। खराब व अनहेल्दी भोजन, व्यस्त जीवनशैली और तनाव के चलते कब्ज की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में
हम सभी ने बचपन में कभी न कभी अपने बड़ों से सुना है कि हर रोज सुबह उठकर तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना चाहिए। बहुत से घरों में तो आज भी बड़े-बुजुर्ग खाली पेट सबसे पहले तांबे के बर्तन में रखा पानी पीते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से सेहत को किस तरह लाभ पहुंचता है।
पिछले कुछ समय से योग के महत्व को पूरी दुनिया ने समझा है और यही कारण है कि कई तरह की शारीरिक व मानसिक समस्याओं से राहत पाने के लिए अब लोग योग का सहारा लेने लगे हैं। योग में ऐसे कई आसनों के बारे में बताया गया है जो पूरे स्वास्थ्य का बखूबी ख्याल रखते हैं। इन्हीं में से एक है भुजंगासन। इस आसन के अभ्यास
आज के समय में हर व्यक्ति एक आकर्षक पर्सनैलिटी पाने की चाह रखता है और यह तभी संभव है, जब आप देखने में भी उतने आकर्षक व सुडौल हो। जो लोग जरूरत से ज्यादा दुबले-पतले होते हैं, उन पर कोई भी कपड़ा नहीं खिलता और न ही वह भीड़ में अपनी अलग से पहचान बना पाते हैं। सामान्य से कम वजन भी किसी परेशानी से कम नहीं है।
पोषक तत्वों से युक्त पालक को किसी न किसी रूप में डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है। वैसे तो पालक को सब्जी या परांठों के रूप में भी खाया जाता है लेकिन आप चाहें तो इसे बतौर जूस भी ले सकते हैं। पालक का जूस लेने से इसके पोषक तत्व यूं ही बरकरार रहते हैं। तो चलिए जानते हैं पालक के जूस से होने वाले फा
ठंड के मौसम में पुदीना मार्केट में बेहद सस्ता व आसानी से उपलब्ध होने वाली चीज है। कई तरह के पेय पदार्थों से लेकर भोजन में इसे प्रयोग करने की सलाह दी जाती है। इसका इस्तेमाल करने से जहां एक ओर खाने का स्वाद बढ़ता है, वहीं दूसरी ओर इससे कई
सिर में मालिश करने से लेकर भोजन में तड़का लगाने के लिए अक्सर सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जाता है। भले ही लोग इसे कड़वा तेल कहकर पुकारते हैं लेकिन वास्तव में यह तेल स्वास्थ्य के लिए कड़वा नहीं बल्कि औषधि सम
पीरियड्स किसी भी लड़की के शरीर का एक नेचुरल प्रोसेस है। हर 21 से 35 दिनों के बीच महिलाओं को माहवारी होती है। लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि पीरियड्स समय पर नहीं आते और महिलाएं समझती हैं कि शायद वह प्रेग्नेंट है। यकीनन माहवारी न होने का यह एक मुख्य कारण है लेकिन इसके अतिरिक्त भी ऐसी कई चीजें हैं, जो देर
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा ऐसे प्रमाण पाए गए हैं, जिनमें उपवास से जिगर और कंकाल की मांसपेशियों में सर्कैडियन क्लॉक प्रभावित होती है। इससे चयापचय को फिर से व्यवस्थित करने में मदद मिल सकती है, जिससे स्वास्थ्य और उम्र बढ़