सिर में मालिश करने से लेकर भोजन में तड़का लगाने के लिए अक्सर सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जाता है। भले ही लोग इसे कड़वा तेल कहकर पुकारते हैं लेकिन वास्तव में यह तेल स्वास्थ्य के लिए कड़वा नहीं बल्कि औषधि समान है। इसमें मौजूद पोषक तत्व कई तरह के दर्द से लेकर अन्य बीमारियों को दूर करने में मदद करते हैं। तो चलिए जानते हैं हर भारतीय किचन में पाए जाने वाले सरसों के तेल से होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में-
दूर करे दर्द
सरसों का तेल कई तरह के शरीर में होने वाले दर्द को दूर करने में सहायक है। चाहे जोड़ों में दर्द हो या कान में। यह बेहद लाभकारी होता है। जोड़ों में दर्द होने पर सरसों के तेल से मालिश की जानी चाहिए। वहीं दांतों में दर्द होने पर सरसों के तेल में नमक मिलाकर मसूड़ों पर हल्की मालिश करें।
बढ़ाए भूख
जिन लोगों को बेहद कम भूख लगने की शिकायत होती है, उनके लिए सरसों का तेल काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। इसलिए भोजन में सरसों के तेल को शामिल करना चाहिए। दरअसल, यह तेल हमारे पेट में ऐपिटाइजर के रूप में काम करता है जिससे भूख बढ़ती है। साथ ही साथ सरसों का तेल पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है। इसके अतिरिक्त अगर सरसों के तेल से मालिश की जाए तो इससे रक्त परिसंचरण और पसीने की ग्रंथियां उत्तेजित होती हैं। जिससे शरीर और पेट से जुड़ी कई समस्याएं दूर होती हैं।
घटाए वजन
जिन लोगों का वजन लगातार बढ़ता जा रहा है, उनके लिए भी सरसों का तेल बेहद लाभकारी है। दरअसल, सरसों के तेल में मौजूद विटामिन जैसे थियामाइन, फोलेट व नियासिन शरीर के मेटाबाल्जिम को बढ़ाते हैं जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।
दूर करे त्वचा का संक्रमण
सरसों का तेल त्वचा संक्रमण को भी दूर करता है, ऐसा इसके एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों के कारण होता है। दरअसल, सरसों के तेल में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो संक्रमण से बचाव में मदद करते हैं। जब इससे शरीर की मालिश की जाती है तो सरसों का तेल बैक्टीरिया के संक्रमण से लड़ता है।
दमा से राहत
चूंकि सरसों के तेल में मैग्नीशियम पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, इसलिए अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए यह बेहद फायदेमंद है। अस्थमा की समस्या बढ़ने पर सरसों के तेल से छाती पर मालिश करनी चाहिए। इसके अतिरिक्त अस्थमा की समस्या को कम करने के लिए शहद और सरसों के तेल को मिक्स करके उसका सेवन करें।
बचाए कैंसर से
शायद आपको पता न हो लेकिन सरसों के तेल का उपयोग करने से कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। दरअसल, सरसों के तेल में ग्लूकोसिनोलेट नामक तत्व पाया जाता है जो कैंसर को शरीर में बनने से रोकता है। इसमें मौजूद तत्व कैंसर के खिलाफ एक सुरक्षा कवच की तरह काम करते हैं।
बढ़ाए रोग प्रतिरोधक क्षमता
सरसों का तेल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करता है। शरीर की अंदरुनी कमजोरी को दूर करने के लिए सरसों के तेल का नियमित सेवन करें। वहीं अगर सरसों के तेल से मालिश की जाए तो इससे मांसपेशियों में मजबूती आती है और इससे रक्त संचार भी बेहतर होता है।
सर्दी में फायदेमंद
सरसों के तेल का उपयोग यूं तो सालभर किया जा सकता है, लेकिन ठंड के मौसम में इसका इस्तेमाल करना विशेष रूप से लाभकारी है। दरअसल, इसकी तासीर गर्म होती है और अगर इसका इस्तेमाल भोजन में किया जाए तो इससे ठंड के मौसम में होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है। वहीं जुकाम या नाक बंद होने पर लहसुन को सरसों के तेल में डालकर हल्का गर्म करें। अब इस तेल से छाती व पीठ की मालिश करें। इससे आपको काफी राहत मिलेगी। वहीं कफ होने पर सरसों के तेल से भाप भी ली जा सकती है। इसके लिए एक बर्तन में पानी उबालकर उसमें सरसों का तेल व जीरा मिलाएं और इससे भाप लें।
मच्छरों को रखे दूर
मच्छरों का काटना भले ही एक आम बात हो लेकिन इसके कारण कई गंभीर बीमारियां होने की संभावना रहती है। ऐसे में मच्छरों से खुद को दूर रखने के लिए सरसों के तेल की मदद लें। मच्छरों से बचने के लिए सरसों के तेल को पहले शरीर पर लगाएं। इससे कीट व मच्छर आपके आसपास नहीं आएंगे।
आएगी प्यारी नींद
बहुत से लोग तनाव या अन्य कारणों के चलते रात को ठीक तरह से नहीं सो पाते। ऐसे में सरसों के तेल को पैरों के तलवे पर लगाकर उससे मालिश करनी चाहिए। इससे नींद तो अच्छी आती है ही, साथ ही आंखों की रोशनी भी तेज होती है।
लगाएं नाभि पर
यूं तो सरसों के तेल की मालिश सिर से लेकर पैर तक करने की सलाह दी जाती है लेकिन नाभि पर इसका प्रयोग करने से कई लाभ होते हैं। सबसे पहले तो इससे होंठों के फटने की समस्या दूर होती है। अगर सोने से पहले नाभि पर सरसों का तेल लगाया जाए तो इससे होंठ तो मुलायम बनेंगे ही, साथ ही चेहरे की रंगत में सुधार आता है। इसके अतिरिक्त पाचन संबंधी परेशानियां भी दूर होती हैं।
दिल के लिए लाभदायक
सरसों का तेल दिल के लिए बेहद ही लाभकारी है। यह गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने के साथ ही बुरे कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करता है। कुछ शोधों से भी यह बात साबित हुई है कि खाना पकाने में सरसों के तेल के उपयोग से हृदय रोग के सबसे सामान्य प्रकार कोरोनरी आर्टरी डिसीस की संभावना लगभग 70 फीसदी तक कम हो जाती है। इतना ही नहीं, यह शरीर में रक्तसंचार को बेहतर बनाता है और शरीर को उच्च रक्तचाप से बचाता है।