हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कंट्रोल करेगा, बालासन
सरस्वती उपाध्याय
हाई ब्लड प्रेशर एक बहुत बड़ा खतरा बन चुका है। लोग तमाम दवाइयां खाते हैं और हाई ब्लड प्रेशर से निजात पाने के लिए काफी कोशिश करते हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी हाई ब्लड प्रेशर से राहत नहीं मिल पाती है। ब्लड प्रेशर अधिक हो या फिर कम उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर के कारण आपको हार्ट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। ब्लड प्रेशर की समस्या कई कारणों से हो सकती है, जिसमें तनाव से भरी लाइफस्टाइल, मोटापा, धूम्रपान आदि शामिल हैं। हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए आप नियमित रूप से व्यायाम कर सकते हैं। इससे न केवल बीपी की समस्या से आपको निजात मिलेगी, बल्कि यह कई रोगों से बचा सकता है। योग के जरिए इसका समाधान निकाला जा सकता है। भारतीय योग शास्त्र में कुछ ऐसे आसन बताए गए हैं, जिनके जरिए उच्च रक्तचाप पर नियंत्रण पाया जा सकता है। आइए इसके बारे में जानते हैं...
रिपोर्ट के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है। हाई ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। हाई ब्लड प्रेशर के लिए जिम्मेदार आपका खानपान, आपकी दिनचर्या, समेत रोज मर्रा की गलतियां हैं। आप इसके मरीज कब बन जाएंगे, आपको इस बात का पता भी नहीं चलेगा। इसमें अचानक से आपका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, पसीना, घबराहट, सांस लेने में तकलीफ समेत कई समस्याएं देखने को मिलती हैं। अक्सर लोग हाई ब्लड प्रेशर से घबराकर दवाओं की तरफ बढ़ जाते हैं। दवाई खाते हैं, कुछ देर के लिए आराम होता है और उसके बाद फिर से वही समस्याएं घेरने लगती हैं। दवाओं के तमाम साइड इफेक्ट भी देखने को मिलते हैं और अगर आप लगातार दवाई खाते रहेंगे तो आप एक तरीके से दवाओं के गुलाम बन जाएंगे और उसकी वजह से अन्य बीमारियां भी धीरे-धीरे आपके शरीर का हिस्सा बन जाएंगी।
योग प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है और यह मानव जीवन के लिए सबसे स्वस्थ पद्धति है। योग का कोई साइड इफेक्ट नहीं है और अगर आप नियमित योग का अभ्यास करते हैं तो लाभ क्षणिक नहीं होता है। बल्कि पूरे जीवन आप स्वस्थ रहेंगे। हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को इसलिए योग का सहारा लेने की सलाह दी जाती है। बालासन इसमें काफी फायदेमंद साबित होता है। इसको चाइल्ड पोज भी कहते हैं। यह काफी आसान होता है और कहीं भी आप इस आसन को कर सकते हैं। इससे हाई ब्लड प्रेशर से राहत मिलती है। और साथ ही यह तनाव को भी कम करता है और पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को सही कर देता है। इस आसन से गर्दन और कंधों का तनाव भी कम होता है।
बालासन खुद को आराम देने का एक आसन है। बज्रासन की मुद्रा में पहले जमीन पर बैठ जाएं, इसके बाद सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाएं, हथेलियां जोड़ें न इसके बाद सांस छोड़ते हुए हाथ लंबा रखते हुए सामने की तरफ झुकना है, जोर कूल्हों पर हो न कि कमर पर। जब आपकी हथेलियां और आपका माथा जमीन को छू जाए तब रुक जाएं। अब आप बालासन में आ गए हैं, लंबी सांस अंदर लें और लंबी सांस बाहर छोड़ें। 30 सेकंड से 5 मिनट तक बालासन कर सकते हैं।