खीरे का सबसे बड़ा निर्यातक देश हैं 'भारत'
सरस्वती उपाध्याय
नई दिल्ली। भारत में खीरे का धार्मिक महत्व भी है। कृष्ण जन्माष्टमी में इसकी पूजा होती है। माना जाता है कि कृष्ण भगवार खीरे से प्रसन्न होते हैं और भक्तों के संकट दूर कर देते हैं। कृष्ण जन्माष्टमी में ऐसा खीरा लाया जाता है। जिसमें थोड़ा डंठल और पत्तियां भी होती हैं। दूसरी ओर भारत में खीरे का आर्थिक महत्व भी खूब है। भारत पूरी दुनिया में खीरे का सबसे बड़ा निर्यातक देश है। भारत का खीरा दुनिया के 20 देशों में खाया जाता है।
इनमें अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, कनाडा, जापान, बेल्ज़ियम आदि शामिल है। पूरे विश्व में भारत के खीरे की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत है। भारत के अचारी खीरे की भी विदेशों में खूब मांग है।अन्य भाषाओं में खीरे के नाम इस प्रकार हैं- मराठी में काकड़ी, गुजराती में काकरी, उड़िया में ककनाई, कन्नड़ में सन्तेक, तमिल में वैलारीकायी, तेलुगु में डोसाकाया, मलयालम में वेल्लारी, बंगाली में सासा, इंग्लिश में कुकुंबर।