*हिन्दी भारत के माथे की बिन्दी*
हिन्दी भारत के माथे की बिन्दी।
जन जन की भाषा है हिन्दी।।
मां संस्कृत की है बड़ी बेटी।
सबको सुन्दर ज्ञान है देती।।
हिन्दुस्तान की शान है हिन्दी।
हम सबकी सम्मान है हिन्दी।।
बनें विश्व की सुन्दर भाषा।
हम सबकी यह है अभिलाषा।।
सरल,सुगम,सुवाचित हिन्दी।
हिन्दी भारत के माथे की बिन्दी।।
आचार्य धीरज द्विवेदी "याज्ञिक"
ग्राम व पोस्ट खखैचा प्रतापपुर हंडिया प्रयागराज।
संपर्क सूत्र - 09956629515
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