नारी शक्ति स्वरूपा नमन कीजिए।
अपने भावों को थोड़ा मनन कीजिए।।
नारी अबला बेचारी अब नहीं रह गई।
इनको उड़ने के खातिर चमन दीजिए।।
सम्मान होता रहा जिनका वैदिक काल से।
बाद आई विसंगतियों का शमन कीजिए।।
आचार्य धीरज द्विवेदी याज्ञिक
ग्राम व पोस्ट खखैचा प्रतापपुर हंडिया प्रयागराज
9956629515
8318757871नारी शक्ति स्वरूपा