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आया बसंत है

28 जनवरी 2022

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*आया बसंत है*

*आया बसंत है**आया बसंत है*


चहुंओर प्रकृति बदल गई आया बसंत है।

मन में उमंग भर गई आया बसंत है।।


पतझड़ हुआ,अंकुर फुटे,सर्दी चली गई।

कोयल फिर कुंहक गई आया बसंत है।।


स्फुटित हुआ नव किशलय,हवा बदल गई।

चिड़िया फिर चहंक गई आया बसंत है।। 


आम फिर बौरा गया,अलसाई आ गई।

तरुणाई फिर मचल गई आया बसंत है।।


आचार्य धीरज द्विवेदी "याज्ञिक"

ग्राम व पोस्ट खखैचा प्रतापपुर हंडिया प्रयागराज उत्तर प्रदेश।

संपर्क सूत्र - 09956629515

08318757871

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हिन्दी भारत के माथे की बिन्दी

28 जनवरी 2022
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*हिन्दी भारत के माथे की बिन्दी* हिन्दी भारत के माथे की बिन्दी। जन जन की भाषा है हिन्दी।। मां संस्कृत की है बड़ी बेटी। सबको सुन्दर ज्ञान है देती।। हिन्दुस्तान की शान है हिन्दी। हम सबकी सम्मान है हिन

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मकरसंक्रांति का त्योहार कुछ खास है

28 जनवरी 2022
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स्वरचित कविता - *मकर संक्रांति का त्योहार कुछ खास है* तिल गुड़ की मिठास,हम सबका उल्लास है। मकर संक्रांति का त्योहार कुछ खास है। सब करते स्नान,पूजा,ध्यान हैं। सामर्थ्य अनुसार दान का बिधान है। दैत्य

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आया बसंत है

28 जनवरी 2022
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*आया बसंत है* *आया बसंत है**आया बसंत है* चहुंओर प्रकृति बदल गई आया बसंत है। मन में उमंग भर गई आया बसंत है।। पतझड़ हुआ,अंकुर फुटे,सर्दी चली गई। कोयल फिर कुंहक गई आया बसंत है।। स्फुटित हुआ नव किशलय,

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पावन है यह देश

28 जनवरी 2022
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*पावन है यह देश* तीन रंग से बना तिरंगा,देता यह संदेश। पावन है गणतंत्र हमारा,पावन है यह देश।। जातियां अनेक है,अलग है सबका भेस। भाषा सबकी अलग-अलग,पावन है यह देश।। कहने को आजाद हुए हम,कहीं ना दिखता

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मर्यादा

28 जनवरी 2022
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*सबकी अपनी मर्यादा है* एक नहीं सबकी अलग-अलग,कुछ की कम,कुछ की ज्यादा है। कर्म के बंधन में बंधे हुए सबकी अपनी मर्यादा है।। जीवन,मृत्यु,असत्य,सत्य पर समय चक्र आमादा है। वसुंधरा,नभ,सागर,पर्वत, सबकी अ

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देश प्रेम

28 जनवरी 2022
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*यह मेरा देश भारत है पावन पुनीत* ब्रह्म लेता जहां पर अवतार है। देवगण भी सदा गाते हैं जिसका गीत। यह मेरा देश भारत है पावन पुनीत।। मर्यादा सिखाते जहां राम हैं। हैं चुराते जहां कृष्ण नवनीत। यह मेरा देश

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बसंत आ गया

28 जनवरी 2022
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देखो सरसो फुलाने बसंत आ गया। तन-मन हर्षाने बसंत आ गया।। आम बौरा गया और महुआ फुला। कोयल लगी गीत गाने बसंत आ गया।। फूल फूलें अनेक भंवरे लिए उन्हें छेंक। भौजी लगी मुस्कुराने बसंत आ गया।। मौसम गया है ब

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मनुज तन मिला है

28 जनवरी 2022
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बड़े सौभाग्य से ये मनुज तन मिला, इसको यूं ही गंवाना नहीं चाहिए। है जो दायित्व हमको प्रभु ने दिया, वह कर्तव्य भुलाना नहीं चाहिए। धर्म और कर्म का हो समन्वय सदा, राह अधर्म की जाना नहीं चाहिए। सुख आये

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नारी शक्ति स्वरूपा

29 जनवरी 2022
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नारी शक्ति स्वरूपा नमन कीजिए। अपने भावों को थोड़ा मनन कीजिए।। नारी अबला बेचारी अब नहीं रह गई। इनको उड़ने के खातिर चमन दीजिए।। सम्मान होता रहा जिनका वैदिक काल से। बाद आई विसंगतियों का शमन कीजिए।। आच

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नारी शक्ति स्वरूपा

29 जनवरी 2022
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<p>नारी शक्ति स्वरूपा नमन कीजिए।</p> <p>अपने भावों को थोड़ा मनन कीजिए।।</p> <p><br></p> <p>नारी अबला बेचारी अब नहीं रह गई।</p> <p>इनको उड़ने के खातिर चमन दीजिए।।</p> <p><br></p> <p>सम्मान होता रहा जिन

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मैं नेता हूं

31 जनवरी 2022
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*"मैं नेता हूं"*मैं नेता हूं मेरी कोई जाति नहीं होती और न ही मेरा कोई धर्म होता है फिर भी मंच पर जब चढ़ जाता हूं तो सबको बताता हूं कि मैं ओबीसी हूं,मैं हरिजन हूं,मैं ब्राह्मण हूं,मैं क्षत्रिय हूं,मैं

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