24 सितम्बर 2015
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work at film industryD
सुन्दर रचना साझा करने के लिए धन्यवाद!
25 सितम्बर 2015
एक डोर में सबको जो है बाँधतीवह हिंदी है,हर भाषा को सगी बहन जो मानतीवह हिंदी है।भरी-पूरी हों सभी बोलियांयही कामना हिंदी है,गहरी हो पहचान आपसीयही साधना हिंदी है,सौत विदेशी रहे न रानीयही भावना हिंदी है।